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दिल्ली हिंसाः एक हिंदू परिवार ने की सलीम और उसके परिवार की रक्षा, सुनिए उनकी जुबानी

दिल्ली में हुई हिंसा के बीच इंसानियत की मिसाल पेश करने वाली खबर सामने आई है. दरअसल हिंसा के बीच एक हिंदू परिवार ने सलीम और उसके परिवार को अपने घर में 12 घंटे पनाह देकर उनकी रक्षा की. पढ़े, क्या कहा सलीम ने...

Delhi Violence Hindu neighbor saves Salim and Muslim family
एक हिंदू परिवार ने बचाई मेरी जान

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Published : Feb 28, 2020, 9:59 AM IST

नई दिल्लीः उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद एक तरफ जहां मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आ रही है, वहीं दूसरी तरफ मानवता अभी जिंदा है इसके भी सबूत मिल रहे हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में दंगाइयों ने 58 साल के बुजुर्ग अनवर की गोली मारकर हत्या कर दी.

एक हिंदू परिवार ने बचाई मेरी जान

अनवर की हत्या के बाद दंगाई उसके भाई सलीम के घर को भी आग के हवाले कर दिया. गनीमत रही कि सलीम और उसके परिवार को एक हिन्दू परिवार ने अपने घर में पनाह दे दिया था, जिसकी वजह से उसके परिवार की जान बच गई.

ईटीवी भारत से पीड़ित परिवार ने की बातचीत

सलीम ने ईटीवी भारत से कहा कि आज वह और उसका परिवार जिंदा है तो वह हिन्दू भाई की वजह से है जिन्होंने उन्हें पनाह दी. सलीम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि वह परिवार के साथ शिव विहार रामलीला ग्राउंड में परिवार के साथ रहते हैं.

'मौत होने तक मारते रहे'

उन्होंने बताया कि उनके भाई अनवर का खाना-पीना भी उनके साथ था लेकिन वह घर के बगल में खाली प्लॉट में कमरा बना कर रहते थे. उसी प्लॉट में वह बकरियां पाल कर दूध का कारोबार करते थे. साथ ही रेहड़ी भी किराए पर दिया करते थे. सलीम ने बताया कि दंगाइयों ने उन्हें गोली मार दी.

'सैकड़ों की संख्या में दंगाइयों ने किया हमला'

सलीम ने बताया कि मंगलवार सुबह सैकड़ों की संख्या में आए दंगाइयों ने पहले घर के नीचे खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि शोर शराबा सुनकर जब वह परिवार के साथ भागने लगे तो हिन्दू पड़ोसी ने उसे अपने घर में पनाह दिया. उन्होंने कहा कि हिंदू परिवार ने 12 घंटे तक पनाह देकर उनकी और उनकी परिवार की रक्षा की.

'बचाने के लिए तिलक लगाया और भगवा कपड़े पहनाई'

सलीम ने बताया कि हिन्दू परिवार ने उसके परिवार के सभी लोगों को तिलक लगाया, साथ ही भगवा कपड़े पहनाए ताकि वे लोग हिंदू लगे. इसके बाद वह रात करीब 11 बजे पूरे परिवार के साथ बचते-बचाते अपने दोस्त के घर मुस्तफाबाद पहुंचा.

बेटी और दृष्टिहीन दामाद का खर्च चलाता था मृतक अनवर

सलीम ने बताया कि मृतक अनवर 58 साल के उम्र में बकरी का दूध बेचकर और रेहड़ी का भाड़े पर देकर इकलौती 27 वर्षीय बेटी गुलशन का घर चलाता था. गुलशन के पति एसिड अटैक की वजह से दृष्टिहीन हो गए थे.

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