नई दिल्ली: महामारी कोविड-19 के चलते ईद-उल-अजहा का त्योहार पूरी सादगी और सरकारी दिशा निर्देशों के साथ मनाने का आह्वान किया गया है. उलेमाओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का प्लान करते हुए निर्धारित जगहों पर ही कुर्बानी करने की अपील की है. मौलाना दाउद अमीनी ने कहा कि महामारी के दौर में खुद की हिफाजत करते हुए त्योहार मनाना चाहिए, ताकि हम अपना फरिजा भी अदा कर लें. उन्होंने लोगों से कुर्बानी के दौरान किसी भी तरह की वीडियो और फोटो न खींचने की अपील की.
कोरोना का प्रकोप देश दुनिया के साथ ही राजधानी में भी है. हालांकि पिछले कुछ समय से यहां कोरोना के मामलों में खासी कमी आई है, लेकिन लोगों में दहशत का माहौल इस कदर बना हुआ है कि लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ईद-उल-अजहा का त्योहार मना रहे हैं.
मदरसा बाबुल उलूम के मोहतमिम और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना दाउद अमीनी ने कहा कि ईद जरूर मनाई जाएगी. मुसलमानों के वैसे भी दो ही त्योहार ईद और बकरीद, महामारी की वजह से जहां ईद उल फितर अलग ही अंदाज में मनाई गई. उसी तरह से ईद उल अजहा को भी तरह पूरी सादगी और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाएं.
उन्होंने कहा कि त्योहार मनाने के साथ ही साफ-सफाई को भी प्राथमिकता से किया जाना चाहिए, ताकि त्योहार मनाते हुए किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो सके.
मौलाना दाउद ने बताया कि कोविड- 19 का दौर चल रहा है.
ऐसे में पुलिस प्रशासन का सहयोग करते हुए कुर्बानी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखें. इस मौके पर मौलाना ने भी हिदायत जारी करते हुए कि कुछ अहम बिंदु हैंडबिल के जरिये लोगों तक पहुंचाएं है ताकि त्योहार पूरी सुरक्षा और साफ-सफाई रखते हुए मनाया जा सके.