नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी को वृक्षारोपण पर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी. न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि पेड़ लगाने के पहले के निर्देश के अनुपालन के संबंध में स्थिति एक खराब तस्वीर प्रस्तुत करती है.
अदालत ने ये बयान दर्ज किया कि कोर्ट कमिश्नर, अधिवक्ता आदित्य एन प्रसाद के अनुसार, बार-बार अनुरोध और अनुवर्ती कार्रवाई के बावजूद, वृक्षारोपण प्रक्रिया बेहद धीमी गति से की जा रही है. इसे पूरा होने में लगभग एक वर्ष लगेगा.
विद्वत न्यायालय आयुक्त की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, कोर्ट ने एनडीएमसी, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, डीडीए आदि सहित सभी संगठन को आज से दो सप्ताह के भीतर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि न्यायालय द्वारा पहले ही पारित आदेशों का अनुपालन न करने पर इसे गंभीरता से लिया जाएगा,दिल्ली में अलग-अलग विभागों की तरफ से पौधारोपण किया जा रहा है.
हाईकोर्ट ने नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) आदि के नोडल अधिकारियों को भी यह बात कही, जिन पर प्राथमिक रूप से वृक्षारोपण सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है.
बता दें कि इस साल की शुरुआत में, हाईकोर्ट ने दोषी वादियों द्वारा लागत के रूप में जमा किए गए 70 लाख रुपए से अधिक का उपयोग करके अधिकारियों को शहर में कम से कम 10 हजार पेड़ लगाने का आदेश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी. गौरतलब है कि राजधानी को हरा भरा बनाने के लिए सामाजिक संस्थाएं भी पहल कर रही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी राजधानी में हरियाली बढ़ाने के लिए अनोखा फैसला लिया है.
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