नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में कोर्ट का आदेश आया है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आरोप तय करने को लेकर दलीलें पूरी हो गईं हैं. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने 13 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
महीने के दूसरे शनिवार को आमतौर पर कोर्ट बंद रहता है. उसके बावजदू जज धर्मेश शर्मा ने इस मामले की शनिवार को सुनवाई कर सीबीआई, पीड़ित पक्ष और आरोपियों के वकीलों की दलीलें सुनीं.
उन्नाव रेप से जुड़े आर्म्स एक्ट मामला आरोपी विधायक के प्रभाव से नहीं लिखी गई रिपोर्ट
पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो, और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी), 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया.
पिछले 8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही थी. लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पीड़िता ने आत्मदाह की कोशिश की थी
उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपी विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा. सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने इसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया.
बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था. जिसके बाद पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया था. पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई का दिया था आदेश
बता दें कि पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है.
क्या है पूरा मामला
मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया. लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में है. दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई. लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ. इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई.