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दिल्ली दंगाः कांग्रेस ने खारिज की फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट, केजरीवाल पर बोला हमला - दिल्ली दंगा फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट

दिल्ली दंगों की जांच के लिए बनी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट विवादों में घिरती जा रही है. इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी मतीन अहमद ने इस पर सवाल उठाया है. देखें खास बातचीत...

congress rejects fact finding committee report on delhi riots
चौधरी मतीन अहमद

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Published : Jul 24, 2020, 11:00 PM IST

नई दिल्लीः वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने दंगों की जांच कर रही दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि यह कमेटी महज खानापूर्ति के लिए बनाई गई है. इसका सच्चाई कोई वास्ता नहीं है, जबकि दंगों को रोकने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की थी.

कांग्रेस ने खारिज की फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि केजरीवाल मौलाना साद पर फौरन कमेंट करते हैं, लेकिन दंगों के लिए जिम्मेदार कपिल मिश्रा और दूसरे लोगों के भड़काऊ बयान पर चुप रहते हैं. कांग्रेस पार्टी की कमेटी दंगा पीड़ितों से मिलकर तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट तैयार करके अध्यक्ष को सौंपेगी.

गौरतलब है कि दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली दंगों की जांच के लिए के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट की समीक्षा के लिए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल ने एक कमेटी के ऐलान करते हुए एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट देने को कहा है.

'सब कुछ केंद्र सरकार पर डाल दिया'

कांग्रेस पार्टी की कमेटी में शामिल वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दंगों की जांच के लिए यह कमेटी बनाई ताकि रिपोर्ट दे सके. इस कमेटी की रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि उसने सबकुछ केंद्र सरकार पर डाल दिया, जबकि दंगों को रोकने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की थी.

केजरीवाल पर साधा निशाना

मतीन अहमद ने कहा कि डीएम, एसडीएम और प्रशासन उनका था, लेकिन जमात और मौलाना साद पर बयान और ट्वीट करने वाले केजरीवाल दंगों को फैलाने के जिम्मेदार कपिल मिश्रा जैसे लोगों के मामले में पूरी तरह से चुप रहे. मतीन अहमद ने कहा कि ऐसा लगता कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पीड़ितों से मिले बगैर ही अपनी रिपोर्ट बना दी.

'फैक्ट कमेटी को सिफारिश की क्यों पड़ी जरूरत'

कमीशन की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता चौधरी मतीन ने कहा कि आखिर कमेटी को सिफारिश करने की क्या जरूरत है. अगर उन्हें लगता था तो पहले से ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को इसमें शामिल करना चाहिए था. कमेटी ने महज अपनी रिपोर्ट में महज खानापूर्ति ही की है. रही बात सिफारिशों की तो दिल्ली सरकार से जो मुआवजा पीड़ितों को मिलना चाहिए था आज तक नहीं मिला.

वक्फ बोर्ड की कार्य प्रणाली पर उठाए सवाल

चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अलग से एकाउंट बनाया. देशभर से न जाने कितना पैसा मदद के नाम पर खातों में आया, लेकिन क्या हुआ पैसे का किसी को नहीं पता. आखिर वह पैसा कहां पर खर्च किया गया. दंगा पीड़ितों के साथ धोखा हुआ है. कांग्रेसी कमेटी दंगा पीड़ितों से मिलकर तथ्यों की पूरी जानकारी जुटाकर एक अलग रिपोर्ट तैयार करेगी, तभी दंगा पीड़ितों को इंसाफ मिलने का रास्ता साफ होगा.

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