नई दिल्ली: ट्रेड यूनियन ने बुधवार को भारत बंद का आवाहन किया है. उनका समर्थन अन्य संघटनों ने भी दिया है. 6 बैंक यूनियन ने भारत बंद में अपना समर्थन दिया है. 59 के करीब स्टूडेंट यूनियन और विश्विद्यालयों के अधिकारियोंं ने भी विभिन्न्न संस्थानों में फीस बढ़ोतरी और शिक्षा के व्यवसायीकरण के वरोध में ट्रेड यूनियन का समर्थन दिया है. ऐसा माना जा रहा था कि इस भारत बंद से बैंकिंग कामकाज पर असर दिखेगा. एटीएम में कैश की कमी हो सकती है. परिवहन व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है. ट्रेड यूनियन द्वारा दिए गए बयान में कहा गया था कि लागमभाग 25 करोड़ लोग इस भारत बंद में शामिल होंगे.
सरकार की नीति श्रम और देश विरोधी: ट्रेड यूनियन
10 ट्रेड यूनियन ने अपने संयुक्त बयान में यह बताया है कि इस सरकार की सभी नीतियां देश विरोधी हैं, श्रमिक विरोधी हैं और जनविरोधी हैं. 2 जनवरी को 10 ट्रेड यूनियन के लोग केंद्र सरकार के लेबर मिनिस्ट्री से मिले. लेकिन बातचीत असफल रही, इसी कारण 8 जनवरी को पूरे भारत में बंद का आवाहन किया गया.
बैंकों पर नहीं दिखा असर
बता दें कि ट्रेड यूनियन को छह बैंक यूनियनों का भी समर्थन मिला है, लेकिन सरकारी और प्राइवेट बैंक इससे दूर नजर आए. दिल्ली में एसबीआई बैंक करावल नगर में सभी कर्मचारी मौजूद थे. बैंक मैनेजर रंजन कुमार ने बताया कि उनके बैंक पर बंद का कोई असर नहीं है, उनके यहां सारे बैंकिंग कार्य सामान्य तौर पर चल रहे है. करावल नगर पंजाब नेशनल बैंक में भी कार्य अन्य दिनों की तरह सामान्य चल रहा था. बैंक मैनेजर वरुण गुप्ता ने बताया कि उनके यहां सभी कर्मचारी मौजूद है एवं कार्य सामान्य स्थिति में चल रहा है. बैंक ऑफ बड़ौदा, करावल नगर के बैंक मैनेजर संजय कुमार ने बताया कि उनके यहां भी बैंकिंग सेवायें सामान्य हैं.
भारत बंद का छुपकर समर्थन
करावल नगर बैंक ऑफ बड़ौदा में कर्मचारियों का भारत बंद का छुपा हुआ समर्थन देखने को मिला. बैंक ऑफ़ बड़ौदा करावल नगर की खताधारक शशि शुक्ल ने बताया कि वह बैंक में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करने गयी थी. सीट पर बैठे बैंक कर्मचारी ने उनसे कहा आज यह काम नहीं होगा. बैंक की हड़ताल है, जब कस्टमर ने इसकी शिकायत बैंक मैनेजर को की तो, बैंक मैनेजर ने जाकर अधिकारी को समझाया कि जब आप चेयर पर बैठे हैं, तो आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि आप हड़ताल पर हैं.