नई दिल्ली: राजधानी में मानसून आने के बाद से निगम में जर्जर इमारतों को लेकर राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है.
नॉर्थ MCD में जर्जर इमारतों पर बवाल, आंकड़ों पर उठे सवाल
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में जर्जर इमारतों को लेकर मामला गर्माता ही जा रहा है. जर्जर इमारतों को लेकर निगम के और नेताओं के आंकड़े अलग अलग है. इससे भविष्य में हादसे भी हो सकते है.
नेताओं के आंकड़े अलग
जहां इस बार निगम ने कागजों में जर्जर इमारतों की संख्या 49 बताई है. वहीं 88 इमारतों को नोटिस भेजा गया.
वही स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन जयप्रकाश ने कई बार बातचीत के दौरान साफ किया है कि सिर्फ पुरानी दिल्ली के एरिया में 100 से ज्यादा ऐसी इमारते हैं जो कि जर्जर हालात में है.
जिन्हें रिपेयर कराने की जरूरत है और ऐसी इमारतों को चिन्हित भी किया जा चुका है. साथ ही नोटिस भी भेजे जा चुके है.
विपक्ष ने निगम पर किया हमला
दूसरी तरफ उत्तरी दिल्ली नगर निगम के विपक्ष नेता सुरजीत सिंह पंवार ने आरोप लगाया कि निगम के अंदर व्याप्त BJP की सरकार ने न सिर्फ सदन को गलत जानकारी दी है बल्कि जमीनी स्तर पर सर्वे किये बिना ही इमारतों को चिन्हित कर दिया है.
ऐसे में अगर कोई भी हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ BJP की सरकार होगी, क्योंकि इन लोगों ने जो आंकड़े दिए हैं और जो सच्चाई है उसमें जमीन आसमान का फर्क है.