नई दिल्ली:भले ही छपी हुई किताबों का स्थान डिजिटल किताबें लगातार ले रही हैं, लेकिन पढ़ने का मजा तो छपी हुई किताबों में ही आता है. बदलते इस दौर में ऑनलाइन किताबों के प्रति युवा पीढ़ी का झुकाव बढ़ा है, लेकिन जो पुराने पाठक हैं, उन्हें तो ऑफलाइन किताब पढ़ने से ही पूर्ण संतुष्टि मिलती है. बहरहाल, पुस्तक प्रेमी तैयार हो जाएं, क्योंकि 25 फरवरी से दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसमें साहित्य, उपन्यास, कहानी की नई और पुरानी किताबें तो मिलेंगी ही, दिल्ली सहित देश-विदेश के प्रकाशक अपनी बेस्ट सेलर किताबों का संकलन लेकर आपके बीच हाजिर होंगे. कई बड़े साहित्यकार, पत्रकार और लेखकों की नई किताबें इस मेले में उपलब्ध होंगी. आप इस मेले में आने की तैयारी शुरू कर सकते हैं. यह मेला 5 मार्च तक चलेगा.
पुस्तक प्रेमी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच पा सकते हैं प्रवेश:अपनी मनपसंद किताबों को खरीदने के लिए पुस्तक प्रेमी सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच प्रवेश पा सकते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के तत्वावधान में यह पुस्तक मेला कोविड के बाद पहली बार ऑफलाइन आयोजित हो रहा है. चलिए जानते हैं ऑनलाइन के इस दौर में ऑफलाइन किताबों की जरूरत क्यों?
ऑफलाइन किताब पढ़ने की रुचि कभी खत्म नहीं होगी:मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादमी के हिंदी विभाग के सहायक संपादक अजय कुमार शर्मा ने डिजिटल के इस दौर में ऑफलाइन और ऑनलाइन किताब के बीच की कड़ी पर कहा कि हमारे दौर में जो हमारी पीढ़ी थी, हमने ऑफलाइन किताबों के बीच ही अपना समय व्यतीत किया. घर से लेकर स्कूल और स्कूल से निकलकर कॉलेज. हमारे हाथ में किताब होती थी और पढ़ने की रुचि होती थी और वह आदत आज भी ऑनलाइन के इस जमाने में बनी हुई है. ऑनलाइन किताब पढ़ने का शौक नई पीढ़ी को हुआ है, लेकिन मेरे जैसे हजारों लोग हैं, जो हमारी पीढ़ी से हैं. हमें काफी असुविधा होती है. वहीं, हमारे हाथ में किताब हो तो हमें सुविधा होती है. उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला और छपी हुई किताबों की आवश्यकता इसलिए भी ज्यादा हो जाती है, क्योंकि पुरानी पीढ़ी को 70, 80, 90 के दशक के लिए ऑफलाइन किताब किसी जीवनी से कम नहीं है. इसकी तुलना में नई पीढ़ी घंटों मोबाइल, लैपटॉप ,कंप्यूटर पर बैठकर पढ़ रही है, लेकिन यह पुरानी पीढ़ी के लिए सहज और सरल नहीं है.
अजय कुमार शर्मा ने कहा कि हमेशा कहा जाता है कि नई तकनीक आएगी तो पुरानी तकनीक खत्म हो जाएगी. जैसे कहा जाता था कि वीसीआर टीवी आ जाएगा तो सिनेमा हॉल खत्म हो जाएंगे, लेकिन चीजे खत्म नहीं होती हैं. उसकी उपयोगिता, सरल और सहजता के साथ लोग बदलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल किताब रहेंगी, इनकी खपत भी बढ़ेगी और उम्मीद भी बढ़ेगी, लेकिन ऑफलाइन किताब का महत्व कभी न कम हुआ है और न कभी कम होगा. यह जो पुस्तक मेला है. वह छपी हुई किताबों को उत्सव के रूप में मनाने का एक आयोजन है. ऑफलाइन किताबें और ज्यादा छापनी चाहिए, क्योंकि इससे कई लोगों का परिवार जुड़ा होता है. साथ ही नई पीढ़ी को किताब खरीदना और पढ़ना चाहिए.
50 साल के सफर पर पुस्तक मेला:नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 विश्वभर के प्रकाशन जगत का एक प्रमुख वार्षिक उत्सव है. नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला इस वर्ष अपने 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ( शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के आधीन ) वर्ष 1972 से इस पुस्तक मेले का आयोजन करता आ रहा है. 25 फरवरी से 05 मार्च 2023 तक प्रगति मैदान के नए अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र में आयोजित होने जा रहा है. यह मेला विश्व के सबसे बड़े अंतराष्ट्रीय पुस्तक मेलों में से एक है. नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला दुनिया भर के सभी प्रमुख प्रकाशन गृहों की भागीदारी को आकर्षित करता है और प्रकाशन और बौद्धिक दुनिया के लिए एक प्रवेश द्वार खोलता है. वर्तमान में भारतीय प्रकाशन उद्योग विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है.नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला , सभी भागीदारों को इस बढ़ते प्रकाशन उद्योग के साथ व्यापार करने के अदभुत अवसर प्रदान करता है. यह मेला पुस्तकों, सह प्रकाशन व्यवस्थाओं तथा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भी एक आदर्श स्थान है.मेले के दौरान साहित्यिक एवं प्रकाशन से संबंधित संगोष्ठियों एवं कार्यक्रमों के आयोजन के अतिरिक्त यह मेला दक्षिण एशिया के प्रकाशन एवं बौद्धिक जगत के द्वार भी खोलता है.
पहले वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुआ फेयर :वर्ष 2021 में मेला वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया व इस प्लेटफार्म को 2.8 मिलियन से अधिक हिट मिले. यहां लगभग 150 भारतीय प्रदर्शकों व लगभग 15 विदेशी प्रदर्शकों तथा 70 देशों से आगंतुकों ने भाग लिया था. इस वर्ष नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला ' आज़ादी का अमृत महोत्सव ' की थीम पर आयोजित किया जा रहा है. भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के उत्सव के साथ ही भारत सरकार द्वारा ' आज़ादी का अमृत महोत्सव ' पहल की शुरुआत की गई है. जिसके अंतर्गत भारत के 75 वर्षों , राष्ट्र के लोगों , यहां की संस्कृति व उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का स्मरण किया जा रहा है. यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है और भारत की सामाजिक , सांस्कृतिक राजनीतिक व आर्थिक प्रगति की एक अभिव्यक्ति है. देशभर में विभिन्न गतिविधियों के जरिए मनाए जा रहे इस उत्सव के साथ ही नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 थीम पर आधारित अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे.
विश्व पुस्तक मेले में फ्रांस अतिथि देश :पुस्तक मेले में आगंतुक थीम के इर्द - गिर्द कई साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं.सौंदर्य की दृष्टि से निर्मित थीम मंडप को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान ( एनआईडी ) , अहमदाबाद द्वारा डिजाइन किया जा रहा है.नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2023 में फ्रांस सम्मानित अतिथि देश है और पुस्तक प्रेमियों को विदेशी मंडप में फ्रांसीसी साहित्य और संस्कृति का आनंद लेने का एक अनूठा अवसर मिलेगा. इसके साथ ही इंटरनेशनल इवेंट्स कॉर्नर में बहुत सी साहित्यिक गतिविधियों भी होंगी.बाल लेखकों को अपनी प्रकाशित पुस्तकों तथा उन्हें लिखने की प्रेरणा आदि पर चर्चा करने के लिए एक खास मंच प्रदान किया जाएगा. बाल साहित्य और पठन संस्कृति को बढ़ावा देने वाली बहुत सी गतिविधियां जैसे स्किट्स , नाटक , नुक्कड़ नाटक , संगीतमय प्रस्तुतियां , कथा-वाचन सत्र कार्यशालाएं , पैनल चर्चाएं आदि विशेष तौर पर तैयार किए गए बाल मंडप में आयोजित की जाएंगी. विख्यात लेखकों और चित्रकारों और शिक्षा और प्रकाशन जगत के पेशेवरों द्वारा आयोजित इन गतिविधियों में सरकारी / गैर सरकारी स्कूलों / गैर सरकारी संगठनों के अध्यापकों और बच्चों के साथ - साथ बाल साहित्य और पठन संस्कृति का प्रोन्नयन करने से जुड़े लोग भी सहभागिता करेंगे.
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