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चीनी, चिंता और चिकनाई से होती है डायबिटीज: डॉक्टर वैष्णव - डायबिटीज को ठीक करने के लिए रूटीन को बदलना होगा

आज के समय में शुगर एक आम बीमारी बनती जा रही है. भारत में तो छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक में यह समस्या देखी जा रही है. आमतौर पर शुगर की बीमारी होने पर व्यक्ति जिन्दगी भर दवाइयों का सहारा लेता है. लेकिन अगर इस बीमारी से बचना है तो जानिए क्या है डॉक्टर की सलाह.

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Published : Nov 21, 2022, 10:51 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा डायबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. जी सी वैष्णव का कहना है किचीनी, चिंता और चिकनाई इन तीन चीजों से दूर रहकर हम डायबिटीज से बच सकते हैं. उन्होंने कहा कि इन तीनों चीजों का अगर लोग परहेज करना शुरू कर दें तो शुगर की बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं. आज के समय में लोगों का रुटीन और खानपान डायबिटीज को बढ़ाने में मदद कर रहा है.

प्री डायबिटीज को ठीक करने के लिए रूटीन को बदलना होगा और हर इंसान को कम से कम 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज के समय में डायबिटीज एक महामारी के रूप में तेजी से फैल रही है, इसे रोकने के लिए हमें गलत खानपान पर रोक लगानी होगी और खुद पर कंट्रोल रखना होगा. उन्होंने कहा कि आज के समय में तमाम ब्रांडेड कंपनियां शुगर फ्री के नाम पर अलग-अलग सामान मार्केट में बेचे रही हैं, जबकि अभी तक शुगर फ्री के नाम पर कोई सामान बाजार में आया ही नहीं है. लोगों को सिर्फ गुमराह और आत्म संतुष्टि देने के लिए इस तरह के प्रोडक्ट मार्केट में बेचे जा रहे हैं, जिससे लोगों को बचने की जरूरत है.

शुगर की बीमारी को लेकर ईटीवी भारत की डॉ. जी.सी. वैष्णव से ख़ास बात-चीत

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नोएडा डायिबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. जी.सी. वैष्णव ने ईटीवी भारत पर जानकारी देते हुए कहा कि यह एक ऐसी बीमारी है जो लाइफस्टाइल और खानपान के दुष्प्रभाव के कारण फैलती है. आज की लाइफस्टाइल और खान-पान, जिसमें जंक फूड, कोला कल्चर, कंप्यूटर कल्चर और तनाव बच्चों में डायबिटीज को बढ़ा रहा है और बच्चों पर डायबिटीज का साया दिखाई देने लगा है. शहर के स्कूलों के तीन प्रतिशत बच्चे डायबिटीज की चपेट में हैं, जबकि 17 प्रतिशत मोटापे व ओवरवेट का शिकार हैं. विश्व में इस समय सबसे ज्यादा डायबिटीज के रोगी चीन में हैं और दूसरे नंबर पर भारत है. 2033 तक हम दुनिया में भी नंबर एक पर हो जायेंगे.

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