नई दिल्ली: दिल्ली दंगों के दौरान हेड कांस्टेबल की हुई हत्या में शामिल वांटेड को पश्चिमी रेंज-2 अपराध शाखा की टीम ने मणिपुर से गिरफ्तार किया है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि वांटेड अपराधी मो. खालिद भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास मणिपुर के इम्फाल में छिपा हुआ है.
सूचना पर संयुक्त आयुक्त एसडी मिश्रा और डीसीपी सतीश कुमार की देखरेख एसीपी यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, सब इंस्पेक्टर रवि भूषण, हेडकांस्टेबल जितेंद्र सिंह और मोहित कुमार की टीम ने लगातार टेक्निकल सर्विलांस से नजर रखी. आरोपी की वास्तविक लोकेशन का पता चलते ही टीम ने एक्शन लेते हुए आरोपी को इम्फाल से गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया कि साल 2020 में वह अपने बड़े भाई मो. अयाज और अन्य साथियों के साथ दिल्ली के चांद बाग में हो रहे सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में शामिल हुआ था. उसके घर पर एक गुप्त बैठक आयोजित की गई थी. जिसमें लाठी, लोहे की रॉड आदि इकट्ठे करने और सड़कों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया था. भीड़ ने सड़कों को बन्द करके दंगा करना शुरू कर दिया. दंगों के दौरान चांद बाग विरोध प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और मेन वजीराबाद रोड को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया.
जब पुलिस टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आरोपी खालिद, उसका भाई मो. अयाज और अन्य दंगाइयों ने पथराव करते हुए और पुलिस दल पर हमला कर दिया. जिसमेंं दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई और कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.