नई दिल्ली: यमुना किनारे बसे गांव आज भी विकास की राह ताक रहे हैं, लोग हर चुनाव से पहले नेताओं के वादे सुन-सुन कर थक चुके हैं, लेकिन बदहाली जस की तस मुंह बाए खड़ी है. इलाके के लोगों के मुताबिक यमुना की दशा दिनों दिन खराब हो रही है लेकिन किसी का ध्यान इस तरफ नहीं है.
नमामि यमुना अभियान की मांग
यमुना किनारे बसे गांव में रहने वाले लोग नमामि गंगे की तर्ज पर नमामि यमुना अभियान चलाए जाने की मांग कर रहे हैं. यमुना किनारे गंदगी के अंबार से लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है, इलाके के लोगों के मुताबिक सुरक्षा के भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.
हरियाणा के पल्ला के रास्ते दिल्ली में एंट्री करने वाली यमुना नदी पुराना जगतपुर गांव आते-आते मैली हो जाती है. इलाके के लोग कहते हैं कि यमुना के पानी के साथ-साथ हमारी उम्मीदें भी मटमैली हो चुकी है.
यहां रहने वाले लोगों ने सरकारें, नेताओं और सांसदों को बदलते देखा है. वो बताते हैं कि हर इलेक्शन में नेता गांव के विकास और यमुना की सफाई की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन कई इलेक्शन निकल गए, कई नेता बदल गए, कई सांसद बदल गए, सब कुछ बदला पर नहीं बदले तो यहां के लोगों के हालात और यमुना की दशा.