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सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास लेकर छात्र हो रहे जागरूक

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Published : Dec 5, 2022, 8:06 PM IST

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास चलाई जाती है. हैप्पीनेस करिकुलम के तहत बच्चों को मेडिटेशन कराया जाता है, ज्ञानवर्धक और नैतिकता संबंधित कहानियां सुनाई जाती हैं. इसी से जुडी एक छात्रा का वीडियो ट्विटर पर लाखों लाइक्स बटोरे रही है. आइए सुनते हैं छोटी उम्र में क्या कहना है इस छात्रा का..

सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास लेकर छात्र हो रहे हैं जागरूक
सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास लेकर छात्र हो रहे हैं जागरूक

नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दिल्ली सरकार ने कई योजनाएं शुरू की है. इसी में से एक है हैप्पीनेस पाठ्यक्रम. छोटी क्लास से लेकर बड़ी क्लास के छात्रों को इस पाठ्यक्रम के तहत पढ़ाया जा रहा है. वहीं, इस पाठ्यक्रम से बच्चों में क्या-क्या बदलाव आ रहे हैं. इसे लेकर स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षा विभाग लगातार सोशल मीडिया पर छात्रों के वीडियो को शेयर कर उनके अनुभव को साझा कर रहे हैं.

इस बीच डॉक्टर मुकेश कुमार ने एक वीडियो साझा किया है. 20 सेकेंड के इस वीडियो को अब तक कई लोगों ने देखा है और लाइक्स और कमेंट किया है. डॉक्टर मुकेश कुमार ने लिखा कि वास्तव में हैप्पीनेस की कक्षा में क्या सिखाया जाता है. जीजीएसएस भलस्वा नंबर 1 स्कूल की इस स्टूडेंट से सुनिए. उन्होंने इस दौरान शिक्षा विभाग के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया. इस वीडियो को शिक्षा विभाग ने भी ट्वीट किया है.

आइए सुनते है छोटी उम्र में क्या कहना है इस छात्रा का

वीडियो में आप देख सकते हैं कि छोटी सी उम्र की यह छात्रा कितनी महत्वपूर्ण बात कर रही है. छात्रा ने कहा कि परिवार में भरोसा होना चाहिए, विश्वास होना चाहिए. साथ में प्यार भी होना चाहिए. समाज में भेदभाव बहुत है, यह नहीं होना चाहिए. किसी भी जाति में भेदभाव नहीं होना चाहिए. अमीरी और गरीबी को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए.

सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस क्लास लेकर छात्र हो रहे हैं जागरूक

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इस पाठ्यक्रम से शिक्षको और छात्रों में संबंध सुधरे

हैप्पीनेस पाठ्यक्रम से छात्रों और शिक्षकों को एक दूसरे से बेहतर संबंध विकसित करने में मदद मिली है. राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् ( एससीईआरटी ) के एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, 95 फीसदी स्कूल प्रमुखों ने माना कि छात्रों के लिए हैप्पीनेस पाठ्यक्रम की सामग्री प्रासंगिक और संबंधित है. 80 फीसदी इस बात से सहमत थे कि यह छात्रों और शिक्षकों के बीच एक दूसरे से बेहतर संबंध विकसित करने में मदद करता है.

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