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सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल का एम्स की तर्ज पर होगा संचालन, जानें क्या बदलेगा

Administrative structure of central hospitals will change: दिल्ली स्थित केंद्र के सभी अस्पतालों सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल एम्स की तर्ज पर संचालित होंगे. इससे लोगों को सुविधा मिलेगी. वहीं शक्ति का विकेंद्रीकरण होगा. अब सर्वोच्च पद पर डायरेक्टर होंगे.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 17, 2024, 10:09 PM IST

नई दिल्लीः केंद्र सरकार के तीन अस्पताल सफदरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल का संचालन अब एम्स की तर्ज पर होगा. इनमें मेडिकल डायरेक्टर सर्वोच्च पद होगा, जिसके अधीन मेडिकल सुपरिटेंडेंट और प्रिसिंपल होंगे. सभी तरह की वित्तीय शक्तियां डायरेक्टर के पास होगी. एमएस और प्रिसिंपल उन्हें रिपोर्ट करेंगे. अगले वर्ष तक इन अस्पतालों में मेडिकल डायरेक्टर का एक नया पद सृजन किया जाएगा. तब तक पुरानी व्यवस्था ही जारी रहेगी.

इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ऑर्डर जारी कर दिया है. हालांकि, नई व्यवस्था को लेकर कोई टाइमलाइन नहीं दिया गया है, लेकिन 2025 तक तीनों अस्पताल में डायरेक्टर नियुक्त हो जाएंगे. फिलहार लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में डायरेक्टर का पद है और इस पद पर डॉ. सुभाष गिरी कार्यरत हैं.

एमएस के पद का दुरुपयोग पर स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्णयः फेमा के नेशनल चेयरमैन डॉ. रोहन कृष्णन ने बताया कि एम्स की तर्ज पर वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल और अटल बिहारी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज एवं आरएमएल अस्पताल में एमएस और प्रिंसिपल के दो पद तो हैं, लेकिन यहां डायरेक्टर का कोई पद नहीं है. शक्तियों के केंद्रीकरण के कारण इन अस्पतालों में एमएस के ऊपर अपने फाइनेंशियल पावर का गलत उपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं. शिकायत समय-समय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी पहुंचती रही है. इसलिए मंत्रालय की ओर से एक नई व्यवस्था बनाने के लिए दिल्ली में केंद्र सरकार के तीनों अस्पताल में एम्स की तर्ज पर डायरेक्टर का एक नया पद सृजन करने का निर्णय लिया गया है.

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डॉ रोहन ने बताया कि इस संबंध में सर्कुलर जारी कर तीनों अस्पताल के एमएस को अवगत करा दिया गया है. तीनों ही संस्थान का हेड अब डायरेक्टर होंगे, जिन्हें एमएस और प्रिंसिपल रिपोर्ट करेंगे. एमएस के पास फाइनेंशियल पावर नहीं होगा.

लेडी हार्डिंग में पहले से ही हैं डायरेक्टरः लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के हेड शुरुआत से 1916 से ही प्रिंसिपल होते थे. फिर 30-40 साल के बाद प्रिंसिपल एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट नया पद सृजित किया गया. यही संस्थान का हेड होते थे. 10-12 साल पहले ही प्रिंसिपल एवं मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद को एकीकृत कर डायरेक्टर का पद सृजित किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के अनुसार यहां अब एमएस और प्रिंसिपल का पद खाली है, जिसे भरा जाएगा.

मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के संचालन के लिए तीन लेयरः किसी भी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के संचालन के लिए तीन लेयर की व्यवस्था होती है. मेडिकल कॉलेज का हेड प्रिंसिपल होता है, जबकि एकेडमिक हेड डीन होता है. वहीं, प्रशासनिक कार्यों का हेड मेडिकल सुपरीटेंडेंट होता है. ये तीनों मेडिकल डायरेक्टर को रिपोर्ट करते हैं, जो पूरे संस्थान के प्रमुख होते हैं. वर्द्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग हॉस्पिटल, अटल बिहारी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज व आरएमएल अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल केंद्र सरकार के इन तीनों अस्पताल में मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ मेडिकल की पढ़ाई भी होती है.

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