नई दिल्ली: रोहिणी कोर्ट ने नाबालिग लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के दोषी राम सिंह (29) को उम्रकैद की सजा सुनाई है. डिशनल सेशंस जज सीमा मैनी ने सजा सुनाते हुए कहा कि समाज को रेप पीड़िता के प्रति कोई सहानुभूति नहीं होती और वो उससे दूरी बनाकर रखता है.
कोर्ट ने दोषी राम सिंह पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की आधी रकम रेप पीड़िता के परिवार को दिया जाएगा. कोर्ट ने दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकार (डीएलएसए) को निर्देश दिया कि वो रेप पीड़िता को पांच लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दे.
'समाज रेप पीड़िता को आज भी अछूत मानता है'
कोर्ट ने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश ने चौतरफा प्रगति की है. लेकिन यह दुखद है कि सामाजिक और भावनात्मक मोर्चे पर हमारा समाज काफी रुढ़िवादी है. कोर्ट ने कहा कि समाज रेप पीड़िता के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाता है पुराने जमाने की तरह रेप पीड़िता को आज भी अछूत माना जाता है. इससे रेप पीड़िता का आत्मविश्वास, उसकी गरिमा और अपने होने की भावना ही खत्म हो जाती है. उसका जीवन निर्जीव हो जाता है.
ये है मामला
घटना 2015 की है जब पीड़िता अपनी दोस्त के घर खेलने जा रही थी। रास्ते में आरोपी राम सिंह और दो अन्य लोगों ने उसे घेर लिया और उसे कुछ सूंघाकर बेहोश कर दिया. वहां से आरोपी पीड़िता को नजदीक के किसी कमरे में ले गए. आरोपियों ने पीड़िता को उस कमरे में बंद कर दिया. जब पीड़िता के मां-पिता उसे खोजते हुए पहुंचे तो उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा. तब पीड़िता ने अपने मां-बाप को अपनी आपबीती सुनाई.
आरोपी को उम्रकैद की सजा
सुनवाई के दौरान दोषी राम सिंह ने कोर्ट से अपने आपको निर्दोष बताया. उसने कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. कोर्ट ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.