नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव काफी ज्यादा नजदीक आ चुके हैं. अगले 2 से 3 महीने में विधानसभा चुनाव कभी भी हो सकते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने नरेला विधानसभा क्षेत्र की हकीकत जानी. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम नरेला विधानसभा क्षेत्र पहुंची. वैसे तो नरेला के बस डिपो को यहां शिफ्ट हुए लगभग 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इसके बावजूद भी इस बस डिपो का बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. डिपो में जहां बसें खड़ी होती हैं वह पूरा खुला इलाका है. वहीं पूरे बस डिपो में कूड़े का अंबार और मलबे का ढेर लगा हुआ है.
ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट बस स्टैंड पर नहीं है ढंग का शौचालय
साथ ही पूरे बस डिपो में शौचालय भी ढंग का नहीं है. क्योंकि यहां के शौचालय को केवल दो लोग ही एक समय पर प्रयोग कर सकते हैं. जबकि नरेला बस डिपो पर रोजाना हजारों की तादाद में यात्री सफर करते हैं.
इन इलाकों में नहीं हुआ विकास
इलाके की बात करें तो यहां के विधायक शरद चौहान हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने नरेला में विकास कार्य तो जरूर करवाए लेकिन सिर्फ उन्हीं वार्ड में जहां पर 'आप' के पार्षद हैं बाकी वार्ड जहां पर भाजपा के पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं हुए हैं. वहीं नरेला का ही बांकनेर गांव और स्वतंत्र नगर का बी ब्लॉक ऐसे वार्ड हैं जहां पर अभी तक कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है. खासतौर पर बांकनेर गांव जहां पर बिल्कुल भी विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां के नाले खुले हुए हैं. यहां के लोगों के मुताबिक पानी के निकास की समस्या सबसे अहम है.
नरेला विधानसभा में सड़कों की स्थिति पीने की पानी की समस्या बरकरार
स्थानीय निवासियों ने कहा कि अभी भी पूरे नरेला क्षेत्र के अंदर पीने का पानी भरपूर मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. सड़कों की हालत भी खराब नहीं है. वहीं नरेला के आउटर डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो वहां सड़कें जरूर बन गई हैं लेकिन पिछले 2 महीने के अंदर ही सभी सड़कों को बनाया गया है. वहीं खास बात ये है कि पिछले कुछ महीनों में नरेला के वार्ड नंबर 4 को काफी विकसित किया गया है और सभी गलियों को पूरी तरह से बना दिया गया है.
नरेला विधानसभा में खुले नाले हालांकि, स्थानीय लोगों की शिकायत है कि निगम और संबंधित विभागों को लिखित में कई बार इलाकों से जुड़ी हर समस्या से अवगत कराया गया है. इसके बावजूद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला गया. हमने जब प्रदर्शन करने की सोची तो पिछले दिनों ही मीटिंग की गई. जिसके बाद कहा गया कि प्रदर्शन नहीं करना है. हमारी समस्याओं का समाधान किया जाएगा पर अभी तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकाला गया.
ये है बांकनेर गांव का बस स्टॉप