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एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी में नहीं हैं किसानों के लिए बुनियादी सुविधाएं, ग्राउंड जीरो

ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर नरेला अनाज मंडी में व्यापारियों से बात की तो उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि सालों से नरेला अनाज मंडी में किसानों और व्यापारियों के लिए मंडी समिति की ओर से कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही.

नरेला मंडी में किसानों की समस्याएं

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Published : Oct 19, 2019, 12:34 PM IST

नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के नरेला इलाके में एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी है. यहां पर दिल्ली ही नहीं पड़ोसी राज्य से भी किसान अपनी फसल बेचने के लिए आते हैं लेकिन नरेला मंडी समिति की ओर से न तो किसानों के लिए और न ही व्यापारियों के लिए किसी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं मंडी में दी गई हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे किसानों की फसलें मंडी समिति की लापरवाही की वजह से खराब हो जाती हैं, जिसका खामियाजा किसानों और व्यापारियों को भुगतना पड़ता है.

नरेला मंडी में किसानों की समस्याएं

मंडी समिति पर सुविधाएं ना देने का आरोप
ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर नरेला अनाज मंडी में व्यापारियों से बात की तो उन्होंने अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि सालों से नरेला अनाज मंडी में किसानों और व्यापारियों के लिए मंडी समिति की ओर से कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही. पिछले कई सालों से किसानों का माल खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है. सर्दी, गर्मी, बरसात हर तरह के मौसम की मार अनाज झेलता है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है, लेकिन मंडी समिति ने आज तक किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए किसी प्रकार के शेड की व्यवस्था नहीं की है.

शेड बनाने में भी लापरवाही
हाल ही में पिछले साल मंडी समिति ने 4 शेड जरूर बनाए, जिसमें एक शेड की क्षमता 4000 बोरी रखने की है, यानी चारों शेड में करीब 20 से 25 हजार बोरियां ही रखी जा सकती हैं. किसानों के विश्राम करने के लिए 2 किसान भवन की बिल्डिंग बनी हुई हैं, उनमें भी मौसम की मार पड़ने पर बोरियों को रखा जाता है.

अगर बात की जाए तो पूरी मंडी में कुल 6 शेड हैं, जिनमें करीब 30 से 35 हजार बोरियों को ही रखा जा सकता है. मंडी के किसानों का माल रखने के लिए करीब 30 से 35 हजार बोरियों की क्षमता है और किसान लाखो क्विंटल अपना माल लेकर आते हैं. जो बाहर पड़ा रहता है, जिसके खराब होने पर कोई खरीददार नहीं होता.

स्थाई दुकान का वादा अधूरा
समिति ने व्यापारियों से स्थाई दुकान देने का वादा भी किया है और कई बार व्यापारियों से पैसे भी लिए जा चुके हैं लेकिन आज तक नई अनाज मंडी में व्यापारियों को स्थाई दुकानें नहीं मिली हैं. जिसकी शिकायत कई बार सरकार से की जा चुकी हैं लेकिन मामला पिछले कई सालों से वहीं अटका हुआ है. जिसका कोई समाधान होता नजर नहीं आ रहा है.

व्यापारियों से होती है लूट
व्यापारियों ने बताया कि नरेला एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी है. यहां दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से किसान अपना माल लेकर अच्छे दामों पर बेचने के लिए आते हैं लेकिन आने के बाद उन्हें किसी तरह की सुविधाएं नहीं मिलती घंटों तक लंबी लाइनों में लगे रहना पड़ता है, जिससे मंडी में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है.

अगर कोई व्यापारी अपना पैसा बैंक से मंडी लेकर आता है तो बीच में लुटेरे उन पर हमला कर देते हैं, ऐसे ही कोई किसान अपना माल बेचकर मंडी से बाहर निकलता है तो उसके साथ भी लूट हो जाती है. कई बार नरेला मंडी में इस तरह की घटनाएं हो चुकी है लेकिन कोई समाधान होता नजर नहीं आता जबकि नरेला मंडी में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं.

व्यापारियों ने मंडी समिति पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आज तक मंडी समिति ने किसानों और व्यापारियों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जबकि बाहरी राज्यों से यहां पर किसान अपना माल अच्छे दामों पर बेचने के लिए आते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिलता.

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