नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दूसरे दिन सुर्खियों में आज अधिकारी ही रहे. सोमवार को निर्धारित समय पर सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो वित्त मंत्री आतिशी ने प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस आशीष चंद्र वर्मा के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मंत्री, सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले को अड़ंगा लगा देते हैं. सदन में जितने भी सदस्य बैठे हैं उनकी योजना से संबंधित फाइल लटकी पड़ी है.
इस पर विधानसभा के सदस्यों ने भी नाराजगी जताई और विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से गुजारिश की कि वह प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस को तलब करें. विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारी को दो बार तलब किया, लेकिन वह नहीं आए. इसके बाद शाम पांच बजे विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सदन का भी बहुत बड़ा अपमान है और यह मामला प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया जाता है.
वित्त विभाग से संबंधित कार्यों पर ब्रेक लगाने को लेकर विधानसभा सदस्यों की मांग को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर 2 बजे प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस आशीष चंद्र वर्मा को सदन में हाजिर होने का आदेश जारी किया. यह आदेश उन्हें तुरंत भिजवा भी दिया और उसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन दोपहर दो बजे का समय बीत जाने के बाद भी अधिकारी नहीं आए.
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छुट्टी पर हूं...: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक "उन्होंने लिखकर भेज दिया है कि मैं छुट्टी पर हूं". प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस आशीष चंद्र वर्मा की जगह सेक्रेट्री फाइनेंस निहारिका राय दिल्ली विधानसभा सदन में आई तो आम आदमी पार्टी के विधायकों ने इसे सदन की अवमानना बताया. इसके बाद स्पीकर गोयल ने कहा "प्रिंसिपल सेक्रेट्री फाइनेंस को 5 बजे तक का समय दिया जाता है, वरना मामला दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति को दे दिया जाएगा''.
...और बिफर गए स्पीकरः शाम पांच बजे भी अधिकारी विधानसभा में नहीं पहुंचे तो इस पर अध्यक्ष बिफर गए और उन्होंने प्रिंसिपल सेक्रेटरी फाइनेंस के खिलाफ विधायक दिलीप पांडे द्वारा लाए गए प्रस्ताव के तहत मामला प्रिविलेज कमेटी को भेज दिया. मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली का फाइनेंस डिपार्टमेंट अपने आप को विधानसभा से भी ऊपर समझता है. विधानसभा से भेजी गई सारी फाइलें यह लिखकर भेज रहा है कि लॉ डिपार्टमेंट जो है, वह प्रशासनिक विभाग है.
AAP विधायक ने धरना देने की दी चेतावनीः आतिशी ने कहा कि इसका मतलब यह है कि 1993 से लेकर आज तक जितने भी फाइनेंशियल सेक्रेटरी हैं उनको तो जेल जाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में जो हो रहा है यह बीजेपी का षड्यंत्र है. अब वह अफसरों का इस्तेमाल करके दिल्ली का काम रोके हुए हैं. AAP विधायक महेंद्र गोयल ने कहा कि मैं आज सदन को बताता हूं कि 20 दिन का समय उन अधिकारियों को देता हूं वह या तो हम लोगों का काम करें अन्यथा हम उन अधिकारियों के घर के बाहर प्रदर्शन करेंगे. उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च करेंगे.
दो दिन तक चली कार्यवाही में नहीं शामिल हुए केजरीवालः दिल्ली विधानसभा की दो दिनों तक कार्यवाही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल नहीं हुए. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सदन में चर्चा में शामिल होने की सूचना थी, लेकिन वह नहीं आए.
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