नई दिल्ली: सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट को लेकर ABVP और AISA के हुई झड़प के विरोध में NSUI ने आर्ट्स फैकेल्टी पर मशाल जुलूस निकाला. इस जुलूस में बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया. यह जुलूस आर्ट्स फैकल्टी से शुरू हुआ और रामजस कॉलेज होते हुए स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के सामने संविधान की प्रस्तावना पढ़ने के साथ खत्म हुआ.
इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ की गई हिंसा की निंदा की है.
'धर्म के नाम पर छात्रों को बांटने की कोशिश'
एनएसयूआई दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस ने जो छात्रों पर कार्रवाई की उसका हम विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि छात्र का कोई धर्म नहीं होता लेकिन सरकार उन्हें धर्म के नाम पर बांटना चाहती है लेकिन आज के युवा छात्र कभी होने नहीं देंगे.
उन्होंने कहा कि यह केवल जामिया, डीयू, जेएनयू और एएमयू की ही लड़ाई नहीं बल्कि देश के हर विश्वविद्यालय का छात्र इस संघर्ष में उनके साथ खड़ा है. वहीं अक्षय लाकड़ा ने मशाल जुलूस में शामिल हुए सभी छात्रों से संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलवाई.
'सरकार थोप रही है अपनी विचारधारा'
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव आशीष लांबा ने कहा कि उनका विरोध सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ है जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मारपीट की. इसके अलावा उन्होंने अपना रोष उन पुलिस वालों पर भी व्यक्त किया जिन्होंने जामिया के छात्रों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार लोगों पर अपनी विचारधारा को थोपना चाहती है. साथ ही कहा कि एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी छात्र सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट में सरकार के साथ हैं लेकिन यह पूरी तरह से गलत है.
'सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट पर पुनर्विचार हो'
आशीष ने कहा कि सोमवार को जिन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कैंपस में गुंडागर्दी की है उन पर पुलिस कार्यवाई करे. साथ ही सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट पर भी पुनर्विचार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए.