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DUSU सेक्रेटरी विदेशी छात्रों की मदद के लिए आए आगे, बनाया विदेशी सेल

दिल्ली विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के लिए एनएसयूआई लेड डूसू ने एक विदेशी सेल का गठन किया है. इस सेल के जरिए अब विदेशी छात्रों की समस्याओं का हल निकलेगा. इस खबर में देखिए क्या-क्या परेशानी इन छात्रों को झेलनी पड़ती हैं.

NSUI AND DUSU made foreign cell in delhi university
एनएसयूआई लेड डूसू ने एक विदेशी सेल का किया गठन

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Published : Feb 18, 2020, 11:13 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय में सिर्फ दिल्ली से ही नहीं और विदेश से भी छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय में हर साल काफी तादाद में विदेशी छात्र दाखिला लेते हैं. नेपाल, बांग्लादेश, चीन आदि समेत कई राज्यों से छात्र अलग-अलग कोर्स पढ़ने के लिए आते हैं. ऐसे में कई बार छात्रों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसको देखते हुए एनएसयूआई लेड डूसू ने एक विदेशी सेल का गठन किया है, जो यूनिवर्सिटी के सामने विदेशी छात्रों की परेशानियां रखेगी.

विदेशी सेल का किया गठन

इन परेशानियों का सामना करते हैं विदेशी छात्र

  • नहीं खुलता बैंक अकाउंट

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज थर्ड ईयर के छात्र प्रकाश नाथ ने बताया कि वह नेपाल से हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं कर पाते, बैंक अकाउंट नहीं खुलता, यहां तक कि पीजी या कोई पार्ट टाइम जॉब नहीं मिल पाती.

  • महंगे पीजी से परेशान विदेशी छात्राएं

दौलत राम कॉलेज से नेपाल से आई छात्रा वसुंधरा शर्मा ने बताया कि यहां आकर पीजी या रूम लेने में काफी दिक्कतों का सामना उन्हे करना पड़ा. इस की वजह ये है की नॉर्थ कैंपस में पीजी 10 से 12 हजार रुपए में मिलते हैं, जो काफी महंगे हैं. ऐसे में बाहर रूम लेना इतना सुरक्षित नहीं है. इसीलिए नॉर्थ कैंपस में महंगा पीजी लेना पड़ता है.

विदेशी सेल के जरिए छात्रों की करेंगे मदद

डूसू सेक्रेटरी आशीष लांबा ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल छात्रों को भी वही समान अधिकार दिलाना है. जो कि यूनिवर्सिटी के बाकी छात्रों को मिलते हैं केवल विदेशी होने पर छात्रों के साथ भेदभाव किया जाए ठीक नहीं है. हम यूनिवर्सिटी के सामने यह समस्या रखेंगे और उनसे मांग करेंगे कि एक ऐसा हल निकाला जाए. इन छात्रों का एक बैंक अकाउंट खोला जा सके. साथ ही जिन छात्रों से दोगुनी फीस वसूली जाती है, उस पर भी हम समाधान मांगेंगे.

भारतीय संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा

नए एनएसयूआई के स्टेट सेक्रेट्री निखिल कामले ने कहा जिस प्रकार महात्मा गांधी, डॉ. बी आर अंबेडकर समेत तमाम भारतीयों ने विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त की थी और वहां पर भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान दिलाई थी. ठीक उसी प्रकार हम भी उन छात्रों के जरिए इनकी संस्कृति को विस्तार देंगे और भारतीय संस्कृति को इनके देशों तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे.

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