नई दिल्ली: नॉर्थ एमसीडी में आज 4 महीने के लंबे अंतराल के बाद स्थाई समिति की बैठक हुई. जिसमें काफी अहम फैसले लिए गए. निगम ने अपनी आर्थिक बदहाली को देखते हुए फैक्ट्री लाइसेंस फीस, ट्रेड लाइसेंस फीस और कमर्शियल टैक्स में वृद्धि कर दी है. जहां पहले 10 स्क्वेयर यार्ड दुकान के मालिक को ₹500 सालाना टेक्स निगम को देना पड़ता था. अब इसी टैक्स को बढ़ाकर निगम ने ₹1150 सालाना कर दिया है. सरल शब्दों में कहा जाए तो नॉर्थ एमसीडी ने अपने क्षेत्र में आने वाली सभी फैक्ट्रियों से वसूले जाने वाले सालाना टैक्स की दर में वृद्धि कर दी है. जिसे की कोरोना के बाद हालात थोड़े सामान्य हो जाने पर फैक्ट्री मालिकों से लिया जाएगा.
नॉर्थ एमसीडी ने ट्रेड, फैक्ट्री लाइसेंस टैक्स के साथ कमर्शियल टैक्स में की वृद्धि
नॉर्थ एमसीडी स्थाई समिति बैठक में निगम की आर्थिक बदहाली को देखते हुए कमर्शियल टैक्स, फैक्ट्री लाइसेंस फीस, ट्रेड लाइसेंस फीस और कमर्शियल टैक्स में वृद्धि की गई है.
दिल्लीवासियों पर नॉर्थ एमसीडी नहीं डालेगी अतिरिक्त भार
नॉर्थ एमसीडी में स्थाई समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि नॉर्थ एमसीडी फिलहाल अपने क्षेत्र की जनता के ऊपर किसी प्रकार के टैक्स का कोई भार नहीं डाल रही है. सिर्फ और सिर्फ कमर्शियल टैक्स के साथ ट्रेड और फैक्ट्री लाइसेंस फीस और टैक्स की दरों में निगम ने वृद्धि की है. साथ ही साथ प्रोफेशनल टैक्स के बारे में अभी नॉर्थ एमसीडी विचार नहीं कर रही है और ना ही इसे आने वाले समय में जनता के ऊपर अतिरिक्त भार के रूप में डाला जाएगा और ना ही निगम इलेक्ट्रिसिटी टैक्स बढ़ाने जा रही है.