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निगम के स्कूलों में घटती संख्या पर बोले मेयर- मनीष सिसोदिया को कुछ नहीं पता

दिल्ली में निगम के स्कूलों में लगातार घट रही बच्चों की संख्या को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर अवतार सिंह ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया.

निगम के मेयर अवतार सिंह , etv bharat

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Published : Aug 17, 2019, 5:20 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नगर निगम के स्कूलों में लगातार कम हो रही बच्चों की संख्या को लेकर मेयर ने जवाब दिया है. दिल्ली सरकार के प्राइमरी स्कूल खोलने से निगम स्कूलों पर असर पड़ा है. पिछली बार के मुकाबले इस साल निगम के स्कूलों में ज्यादा एडमिशन होंगे. एडमिशन की आखिरी तारीख 31 अगस्त है.

'प्राइमरी स्कूल खुलने से निगम के स्कूलों पर पड़ा है असर'

हाल ही में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने नगर निगम की स्कूलों के ऊपर यह कहते हुए तंज कसा था कि निगम के स्कूलों के अंदर लगातार न सिर्फ बच्चों की संख्या कम हो रही है बल्कि पिछले 8 सालों में निगम के 86 स्कूल भी बंद हुए हैं.

'बच्चों की संख्या में आई कमी'
जिसके बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नेता विपक्ष सुरजीत सिंह पवार, कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने भी निगम में व्याप्त बीजेपी की नियत पर सवाल उठाए थे और कड़े सवाल भी पूछे थे कि क्यों निगम के स्कूल में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है. जिसकी वजह से निगम के स्कूलों में बच्चों की संख्या में ढाई लाख तक की कमी आई है.

प्राइमरी स्कूलों की वजह से कम हो रहे हैं एडमिशन
इन सभी सवालों पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर अवतार सिंह ने कहा कि निगम के स्कूलों के अंदर एडमिशन कम होने का कारण यह है कि पहले दिल्ली सरकार के प्राइमरी स्कूल नहीं होते थे. लेकिन अब दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूल भी बड़ी तादात में खोल दिए हैं, जिसकी वजह से स्कूलों में एडमिशन कम हो रहे हैं.

'बंद नहीं मर्ज हुआ 86 स्कूल'
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया निगम के स्कूलों के बारे में कुछ भी कह सकते हैं क्योंकि उन्हें निगम के स्कूलों के बारे में कुछ भी पता नहीं है. निगम के 86 स्कूलों को मर्ज किया गया है बंद नहीं किया गया है. जहां तक मिड डे मील का सवाल है उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए भी निगम लगातार अपनी गतिविधियां कर रही है.

साथ ही निगम के स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी लगातार दुरुस्त किया जा रहा है. दिल्ली सरकार ने प्राइमरी स्कूल खोल दिए हैं जिसकी वजह से मां-बाप बच्चों का एडमिशन सीधे दिल्ली सरकार के स्कूलों में करवाते हैं ताकि बच्चे पहली से बारहवीं तक एक ही स्कूल में पढ़ाई कर पाएंगे, उन्हें बार-बार अपना स्कूल बदलना नहीं पड़ेगा.

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