नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में उत्तरी दिल्ली की विधानसभा सीटों पर पिछली बार के मुकाबले कम मतदान हुआ. कम मतदान होने की वजह से उत्तरी दिल्ली की सभी सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा. प्रत्याशियों के बीच में हार और जीत का अंतर कम होने का अनुमान है. कम मतदान होने से किस को फायदा होगा और किस को नुकसान होगा इसका नतीजा कल आएगा.
उत्तरी दिल्ली में कम हुई वोटिंग, नांगलोई जाट और मुंडका के नतीजे होंगे दिलचस्प
पिछली बार उत्तरी दिल्ली क्षेत्र के अंदर विधानसभा क्षेत्रों की सीटों में मतदान का औसत लगभग 65% था. वहीं इस बार के विधानसभा चुनावों में उत्तरी दिल्ली के क्षेत्र के अंदर औसत मतदान 60 फ़ीसदी से भी कम हुआ है. जिसका असर चुनावी नतीजों में भी देखने को मिलेगा और कई विधानसभाओं में प्रत्याशियों के बीच में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.
उत्तरी दिल्ली में दिलचस्प हुआ मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और अब कल मतगणना के बाद रुझान आने के साथ ही नतीजे भी आ जाएंगे. इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पिछली बार के मुकाबले कम मतदान हुआ है. विशेष तौर पर उत्तरी दिल्ली के अंदर मतदान के अंदर काफी कमी देखी गई है. जहां पिछली बार उत्तरी दिल्ली क्षेत्र के अंदर विधानसभा क्षेत्रों की सीटों में मतदान का औसत लगभग 65% था वहीं इस बार के विधानसभा चुनावों में उत्तरी दिल्ली के क्षेत्र के अंदर औसत मतदान 60 फ़ीसदी से भी कम हुआ है. जिसका असर चुनावी नतीजों में भी देखने को मिलेगा और कई विधानसभाओं में प्रत्याशियों के बीच में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. राजनीतिक समीकरण की बात करें तो नागलोई जाट ओर मुंडका जैसे विधानसभा क्षेत्रों में जीत का मार्जन काफी दिलचस्प रहने वाला है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो उत्तरी दिल्ली के क्षेत्र में कम हुए मतदान से सत्ताधारी पार्टी आम आदमी पार्टी को फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन 3:00 बजे के बाद जिस तरह से मतदान में बढ़ोतरी देखी गई है. उसके बाद एक आसार यह भी है कि इसका सीधा फायदा कहीं ना कहीं भाजपा को भी हो सकता है. बहरहाल इसके बारे में तो महज कुछ घंटों के बाद आने वाले नतीजों में पता लगेगा.