नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक सरकारी अस्पताल में यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा की गई कार्रवाई और नोट के 24 घंटे बाद भी एटीआर (एक्शन टेकेन रिपोर्ट) जमा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि बुराड़ी स्थित सरकारी अस्पताल से जो रिपोर्ट मिली वह बहुत चौंकाने वाली थी. इसके लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी उच्च संवेदनशीलता के मामले में भी जहां महिला श्रमिकों ने प्रबंधक के खिलाफ यौन संबंध बनाने के आरोप लगाए गए हैं. मुख्य सचिव ने भेजे गए तत्काल नोट का जवाब नहीं दिया. ऐसे में कोई कल्पना कर सकता है कि चुनी हुई सरकार कैसे काम करती है और जब मुख्य सचिव तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं तो महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी."
उन्होंने कहा कि यह हालात तब है जब इस विशेष घटना पर भाजपा की दिल्ली इकाई ने इतना हंगामा मचाया. क्या भाजपा अब मुख्य सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी? मंत्री भारद्वाज ने कहा कि यह बताना महत्वपूर्ण हो जाता है कि रविवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर अत्यावश्यक नोट के साथ डाक-राइडर (संदेशवाहक) भेजा गया था. हालांकि, नरेश कुमार के आवास पर कर्मचारियों ने यह कहते हुए नोट स्वीकार नहीं किया कि उन्हें कोई भी नोट स्वीकार नहीं करने का निर्देश है. उसके बाद नोट को ई-मेल के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजा गया और आज सुबह मुख्य सचिव नरेश कुमार के आवास पर भी नोट को भौतिक रूप से पहुंचाया गया.