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CAB के खिलाफ आंदोलन करेगा जमीअत उलेमा-ए-हिंद, राष्ट्रपति को भेजेंगे ज्ञापन

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Published : Dec 11, 2019, 7:58 PM IST

सिटीजन अमेंडमेंट बिल का जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने विरोध किया है. जमीअत ने CAB को सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि देश के संविधान के खिलाफ बताया है.

Jamiat Ulema e Hind
जमीअत उलेमा-ए-हिंद

नई दिल्ली:जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने सिटीजन अमेंडमेंट बिल (CAB) के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन किये जाने का ऐलान किया है. इसी कड़ी में पूरी दिल्ली की मस्जिदों के बाहर इस कानून के खिलाफ शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. जिसके बाद राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा.

सिटीजन अमेंडमेंट बिल का जमीअत उलेमा-ए-हिंद ने विरोध किया

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

जमीअत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश ने आंदोलन की जानकारी देने के लिये जाफराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसकी अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी ने की. इसका संचालन मसूद खान ने किया, जबकि मदीना मस्जिद के इमाम मौलाना शमीम अहमद मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे.

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन

कॉन्फ्रेंस को जमीअत के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना इस्लामुद्दीन और मौलाना शमीम (नांगलोई) ने भी संबोधित किया. जमीअत ने दिल्ली के मुसलमानों से आगामी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद काली पट्टी बांधकर CAB के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि जमीअत उलेमा-ए-हिंद इसके लिए हर तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है.

'संविधान में भेदभाव की इजाजत नहीं'

इस मौके पर जमीअत के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी ने कहा कि हिंदुस्तान का संविधान धर्म, जात और नस्ल की बुनियाद पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता. जमीअत उलेमा-ए-हिंद लोकसभा में इस बिल के पास होने पर कड़े शब्दों में निंदा करती है.

उन्होंने बिल को देश की तरक्की में बेहद नुकसानदेह बताते हुए कहा कि हिंदुस्तान के हर शहरी को बराबर के हक हासिल हैं. हर वर्ग ने देश के निर्माण, तरक्की और जंग-ए-आजादी में जान माल की कुर्बानियां पेश की हैं.

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