नई दिल्ली:दिल्ली के वजीराबाद में स्थित करीब एक हजार साल प्राचीन रामघाट पर मंदिरों को हटाने के विरोध में रामघाट के मंदिरों पर सैकड़ों श्रद्धालु इकट्ठा हुए. साथ ही पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा रामघाट पर लगे नोटिस को लेकर सेकड़ों श्रद्धालु स्थानीय सांसद मनोज तिवारी से मिले. सांसद मनोज तिवारी ने रामघाट पर आने का वादा किया, लेकिन वह पहुंचे नहीं. उनके इस व्यवहार से लोग काफी नाराज हुए. उन्होंने कहा कि भले ही सांसद हमारा साथ न दें लेकिन हम मंदिरों को टूटने नहीं देंगे. इसको लेकर श्रद्धालु मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी से मिलेंगे.
दरअसल, पीडब्ल्यूडी ने वजीराबाद में प्राचीन रामघाट पर बने मंदिरों को तोड़ने का नोटिस दिया है. मान्यता है कि यह रामघाट करीब 1000 वर्ष पुराना है. यहां हर रविवार यमुना स्नान करने दिल्ली सहित अन्य जगहों से हजारों श्रद्धालु आते हैं. वहीं, हर साल यहां दशहरा पर मेला भी लगता है. पीडब्लूडी द्वारा कई मंदिरों तोड़ने का मामला भाजपा सांसद मनोज तिवारी के पास पहुंच चुका है. रामघाट स्थित मंदिरों के बारे में उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया था कि वे इन मंदिरों को नहीं टूटने देंगे. सोमवार शाम रामघाट पर श्रद्धालुओं द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसे मनोज तिवारी संबोधित करने वाले थे. लेकिन वह इस बैठक में नहीं पहुंचे.