नई दिल्ली:डीयू में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान हर छात्र-छात्राओं की कोशिश है कि उनका एडमिशन डीयू के टॉप कॉलेजों में हो. दिल्ली यूनिवर्सिटी के टॉप कॉलेजों की लिस्ट में शामिल हंसराज कॉलेज में इस बार भी एडमिशन की होड़ लगी हुई है.
'शैक्षणिक माहौल शानदार है'
बता दें कि हंसराज कॉलेज एक ऐसा कॉलेज है, जिसने देश को एक के बाद एक कई बेहतरीन कलाकार और प्रमुख अधिकारी दिए हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ कैंपस में स्थित हंसराज कॉलेज को बेहतर शैक्षणिक माहौल और शानदार फैकल्टी के कारण टॉप कॉलेजों में शुमार किया जाता है. इन्हीं सभी विशेषताओं के कारण कॉलेज आज के समय में हरेक छात्र-छात्राओं के लिए ड्रीम कॉलेज है.
हंसराज कॉलेज में एडमिशन के लिए मची होड़! कई बड़ी हस्तियां पढ़ चुकी हैं
बता दें कि इस कॉलेज से शाहरुख खान, अनुराग कश्यप, विनोद दुआ, रणविजय सिंह और कांग्रेस नेता अजय माकन समेत कई बड़ी-बड़ी हस्तियां पढ़ चुकी हैं. कॉलेज के इतिहास की बात करें तो हंसराज कॉलेज की स्थापना 1948 में चित्रगुप्त रोड पर की गई थी. उस समय कॉलेज में केवल 250 छात्र थे, उसके बाद 1954 में कॉलेज नॉर्थ कैंपस में अपने वर्तमान भवन में स्थानांतरित किया गया.1975 तक यह कॉलेज सिर्फ लड़कों के लिए था, लेकिन बाद में इसे कोएड कॉलेज बना दिया गया. कॉलेज में अब छात्र-छात्राओं दोनों को पढ़ाया जाता है, लेकिन कॉलेज में हॉस्टल की सुविधा सिर्फ लड़कों के लिए ही उपलब्ध है.
कॉलेज में है बेस्ट लाइब्रेरी
एडमिशन समिति की सदस्य डॉक्टर भानु शर्मा ने बताया कि कॉलेज का जो इतिहास रहा है, उसके अनुसार आज तक कॉलेज की प्रतिष्ठा बनी हुई है. उन्होंने कहा कि कॉलेज में छात्रों के लिए तमाम सुविधाएं हैं. लिफ्ट से लेकर कैंटीन और बेहतरीन गार्डन समेत कॉलेज का साफ-सुथरा इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल क्लासरूम जैसी तमाम सुविधाएं कॉलेज में मौजूद हैं. डॉक्टर भानु शर्मा ने बताया कि इन सुविधाओं के साथ कॉलेज की लाइब्रेरी दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में सबसे बेहतरीन लाइब्रेरी है. कॉलेज में जिम-योगा की भी सुविधा है.
छात्रों को प्रेरणा देती हैं हस्तियों की तस्वीरें
डॉक्टर भानु शर्मा ने कहा कि कॉलेज का यही प्रयास रहता है कि बच्चों को बेहतर शिक्षा का माहौल दिया जाए. जिसके लिए कॉलेज की तरफ से कॉलेज की दीवार पर छात्रों के फोटो लगाए गए हैं. जिसमें शाहरुख खान समेत सभी बड़ी-बड़ी हस्तियां और अधिकारी शामिल हैं. क्योंकि वे इसी कॉलेज के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा यही मकसद रहता है कि इन वॉल को देखकर छात्र आगे बढ़ने का जज्बा अपने अंदर कायम रखें.