नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व डिप्टी चेयरमैन रहे विजेंद्र यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से दिल्ली की सड़कों पर कूड़ा नजर आने लगा है. दिल्ली में करीब 400 से ज्यादा जगहों पर कम्पेक्टर ट्रांसफर स्टेशन लगे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर बंद हैं और कई में तो ताले लगे हुए हैं. दिल्ली की सफाई के लिए कंपनियों ने कम्पेक्टर मशीन लगाए थे, लेकिन अब दिल्ली की ना तो सफाई हो रही है और कम्पेक्टर मशीन खराब पड़े हुए हैं.
विजेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली के सभी वार्डों में कूड़ा डालने के लिए ढलाव घर बने हुए थे. उनमें एमसीडी की छोटी गाड़ियां घरों से कूड़ा लाकर ढलाव घर में डालती थी. उसके बाद ये कूड़ा लोडर ट्रक में भरकर लैंडफिल साइट पर भिजवा दिया जाता था. जिससे सभी ढलाव घरों की सफाई होती थी लेकिन बाद में कम्पेक्टर ट्रांसफर मशीनें लगाई गई. मशीन में कूड़े को कंप्रेस कर एक जगह इकट्ठा किया जाने लगा और सीधा उसको लोडर में डालकर उसे लैंडफिल साइट पर ले जाया जाता था. अब दिल्ली में ज्यादातर कम्पेक्टर ट्रांसफर स्टेशनों में जंग लग गई है. कई में ताले लगे हुए हैं. इसका जिम्मेदार कौन है? जब से आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली नगर निगम में आई है, सड़कों पर कूड़ा ही कूड़ा है.
उन्होंने कहा कि एमसीडी ने 360 करोड़ की लागत से कम्पेक्टर ट्रांसफर स्टेशन बनाए थे. कूड़ा उठाने के नाम पर इनमें ताले लगे हुए हैं. अभी कम्पेक्टर स्टेशनों के सामने कूड़े के अंबार लगे हुए हैं. इनमें से गीला कूड़ा और सूखे कूड़े की रिकवरी साइकिल करके रिपोर्ट केंद्र तक पहुंचनी थी. अब ये सब शेखचिल्ली के हसीन सपने के बराबर लग रहा है.
पूर्व डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि हमने कई जगह उनकी शिकायत की है, रिमाइंडर भी भेजे हैं. अब हम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की शह पर कई भ्रष्ट अधिकारी भी काम कर रहे हैं. अगर इसकी जांच सही तरीके से हो तो यह एक बड़ा भ्रष्टाचार निकलकर सामने आएगा. कोर्ट से अपील करेंगे कि कोर्ट के द्वारा एक कमिश्नर नियुक्त किया जाए जो कि इस पूरे मामले की जांच करे.