ग्रेटर नोएडा: ब्रेस्ट कैंसर की दवा बनाने के लिए कोला नट खरीदने के नाम पर रिटायर्ड कर्नल से 1.81 करोड़ रूपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है. एक विदेशी महिला ने नामचीन दवा कंपनी की अधिकारी बनकर पीडित से संपर्क किया. विश्वास जीतने के बाद उसने अपने साथियों संग मिलकर घटना को अंजाम दिया है. पीडित से कई बार में अलग अलग खातों में रकम जमा कराई गई. आरोपियों ने उससे 29 सितंबर से लेकर 14 नवंबर तक लगभग 1.81 करोड़ रुपये ठग लिए.
शक होने पर पीडित ने डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा से मामले की शिकायत की. पीडित के अनुसार जीवन की जमा पूंजी से उसने एक व्यापार करने की योजना बनाई थी, लेकिन उसने अपने म्यूचुअल फंड, आभूषण और नकदी से रकम जुटाकर आरोपियों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दी. डीसीपी के आदेश पर थाना बीटा 2 पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी महिला और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है, इनमें दो विदेशी भी शामिल हैं.
दरअसल, गुरजिंदर विहार सोसाइटी निवासी सेवानिवृत कर्नल डॉ. वीके गुप्ता ने थाना बीटा 2 पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि बीते 31 अगस्त 2022 को उनसे एक वेबसाइट के माध्यम से उनकी मुलाकात एक महिला से हुई. महिला ने अपना नाम एवा इवलिन बताते हुए खुद को एक नामचीन दवा कंपनी की सेल्स अधिकारी बताया. महिला ने कर्नल को बताया कि वह अरूणाचल प्रदेश की एक महिला थाबा देवी के पति से ब्रेस्ट कैंसर की दवाई में प्रयोग होने वाली कोला नट खरीदती थी, अब उनकी मृत्यु हो चुकी है. वहीं, एवा इवलिन ने बताया कि अब कम्पनी ने उसका प्रमोशन कर दिया है. उसके स्थान पर एडवर्ड फ्रेंकलिन को कम्पनी में नया सेल्स एण्ड पर्चेज अधिकारी नियुक्त किया गया है.
मुनाफा कमाने के लालच में कर्नल को फंसाया
एवा इवलिन ने कर्नल को झांसे में लेने के लिए कहा कि हम कोला नट खरीदकर एडवर्ड को तीन गुना कीमत पर बेंच देंगे, इससे मोटा मुनाफा होगा. महिला की बात सुनकर कर्नल उसकी बातों में आ गए. एवा इवलिन के कहे अनुसार कर्नल ने थाबा देवी से एक मोाबाइल नंबर पर संपर्क किया. बातचीत कर कोला नट खरीदने के लिए थाबा देवी द्वारा दिए गए बैंक खाते में रकम का भुगतान भी कर दिया. एवा ने कर्नल को बताया कि एडवर्ड फ्रेंकलिन भारत आकर उन्हें रूपयों का भुगतान करेंगे. एवा इवलिन के कहने पर कर्नल ने थाबा देवी को आर्डर देकर उसके बताये अलग-अलग बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करते रहे. पूर्व नियोजित योजना के तहत एडवर्ड ने भारत आने की बात कहकर कर्नल से संपर्क किया और अलग-अलग कारण बताकर कर्नल से रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर कराता रहा. आरोपियों ने इस रकम को बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से खातों में ट्रांसफर कराया. कभी लैब टेस्टिंग, कभी और अधिक कोला नट खरीदने और कभी पुलिस को देने और कभी सिक्योरिटी इशु बताकर पीडित से रकम को हड़पा गया.