नई दिल्ली: मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने पेश कर दिया. वित्त मंत्री ने 2024 में आम चुनाव को देखते हुए किसानों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस बार के बजट में पीएम मत्स्य योजना की शुरुआत करने की घोषणा की गई. बावजूद इसके दिल्ली के किसानों की इस बजट से उम्मीदें टूटी है. किसानों का कहना है राजधानी के छोटे किसानों को नई योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
देश में आज आम बजट पेश किया गया. सभी लोगों को इस बजट से बड़ी उम्मीदें थी. ऐसे ही उम्मीद दिल्ली के किसान भी लगाए हुए थे, लेकिन जब बजट पेश हुआ तो दिल्ली में खेती करने वाले किसानों की उम्मीदें चकनाचूर हो गई. दरअसल, आम बजट में किसानों को लेकर कई योजनाएं और यहां तक की किसान को डिजिटल तरीके से जोड़ने और डिजिटल ट्रेनिंग देने तक की बातें कही है. आम बजट में मोटे अनाज को बढ़ावा देने, बाघ वाणी योजना के तहत फंड देने की भी बात कही गई. ऐसे में राजधानी के पल्ला, बुराड़ी, बख्तावरपुर जैसे इलाकों में किसानों का कहना है कि इस तरीके की योजनाओं का उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.
दिल्ली के किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें किसान मानती ही नहीं हैं? प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के समय जब कोई नुकसान होता है तो उस वक्त मुआवजे की रकम किसानों को नहीं मिल पाती है. किसानों ने मांग की कि डीजल ट्रेनिंग और बागवानी को बढ़ावा देने के बजाय अगर उन्हें किसानी का दर्जा देते हुए समय-समय पर मुआवजा, बिजली में सब्सिडी जैसी सुविधाएं दी जाती तो उनकी उम्मीदें भी पूरी होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुल मिलाकर छोटे किसानों को बजट से जो उम्मीदें थी वो पूरी नहीं हुई.