नई दिल्ली:सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी को लेकर जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस एक्ट के समर्थन में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ वहां के शिक्षक और कर्मचारी भी शामिल हुए. वहीं इस प्रदर्शन में शामिल हुए इतिहासकार कपिल कुमार ने इस एक्ट को देश की सुरक्षा के लिए अहम कदम बताया.
DU के शिक्षक और छात्रों ने किया CAA का समर्थन एक्ट को लेकर राजनीति खेली जा रही है
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा डीयू की आर्ट्स फैकल्टी पर मंगलवार देर शाम सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ. इस प्रदर्शन में छात्रों का साथ देने के लिए पहुंचे इतिहासकार प्रोफेसर कपिल कुमार ने कहा कि विपक्षी दल राजनीति खेल रहा है और लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर आगजनी करवा रहा है. उन्होंने कहा कि यह एक्ट देश में आतंकवाद को रोकने की एक कवायद है जिसका वह पूरी तरह समर्थन करते हैं.
कांग्रेस पर बोला हमला
वहीं कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रोफेसर कपिल ने कहा कि कांग्रेस सरकार जिस संविधान का हवाला देकर इस एक्ट को संविधान के खिलाफ बता रही है. कांग्रेस सरकार ने तब संविधान के बारे में क्यों नहीं सोचा जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दलितों को प्रवेश में आरक्षण नहीं दिया गया जबकि संविधान में निहित है कि दलितों को परीक्षा और प्रवेश में आरक्षण दिया जाएगा.
'अपनी बात कहने का तरीका सभ्य होना चाहिए'
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एके भागी ने डीयू के छात्रों द्वारा सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट के समर्थन में किए जा रहे प्रदर्शन को एक उदाहरण बताया और कहा कि प्रदर्शन चाहे समर्थन में हो या विरोध में, अपनी बात कहने का तरीका सभ्य होना चाहिए जिसमें हिंसा की कोई जगह नहीं होनी चाहिए.
'CAA देश के नागरिकों के खिलाफ नहीं'
वहीं प्रोफेसर एके भागी ने कहा कि सालों से शरणार्थी के तौर पर रह रहे लोगों को अगर नागरिकता देकर एक पहचान दी जा रही है तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट का कोई भी प्रावधान किसी जाति के खिलाफ नहीं है और न ही इससे देश की अखंडता पर कोई खतरा है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाई बहनों का अब भी देश पर उतना ही अधिकार है जितना यह या एक्ट आने के पहले था. साथ ही कहा कि माइनॉरिटी ही अगर दूसरे माइनॉरिटी का दर्द नहीं समझेगी तो कौन समझेगा. उन्होंने इस एक्ट का खुले दिल से स्वागत किया और कहा कि इसको लेकर भ्रांति फैलाना और उग्र प्रदर्शन करना केवल देश में अराजकता को बढ़ावा देना है.