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Cyber Crime In Delhi: डीडीए की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

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Published : Jun 8, 2023, 11:00 PM IST

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो डीडीए की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहा था. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने एक हजार से ज्यादा लोगों को अभी तक ठगा है.

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नई दिल्ली: डीडीए फ्लैट/प्लॉट की बुकिंग के लिए अगर आप उनकी वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर रहे हैं तो सावधान हो जाइए. क्योंकि साइबर ठगों ने डीडीए की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. हालांकि, रोहिणी साइबर थाना पुलिस ने दो ऐसे ही ठगों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है. आरोपियों की पहचान बिहार के रहने वाले राजा पटेल और सोनू कुमार के रूप में हुई है.

रोहिणी जिले के डीसीपी डॉ. गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि बीते 23 मार्च को साइबर थाना पुलिस को विशाल अग्रवाल नामक व्यक्ति ने बताया कि उसने डीडीए फ्लैट की बुकिंग के लिए गूगल पर साइड सर्च कर उसने फॉर्म भरा और आवेदन शुल्क व एनओसी के लिए 75 और 25 हजार रुपये जमा कर दिये. इसके अलावा अपने व्यक्तिगत दस्तावेज भी अपलोड कर दिए. अगले ही दिन अंजान नंबर से फोन आया. उससे चार लाख रुपये जमा करने के लिए कहा, नहीं करने पर आवेदन रद्द होने की बात कही. ठगी का शक होने पर उसने शिकायत दर्ज करवा दी.

टेक्निकल सर्विलांस में पुलिस को पता चला कि गैंग कोलकाता, मुंबई और बिहार से ठगी कर रहा है. जांच के दौरान बिहार के बरबीघा में छापेमारी कर सोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ करने पर पता चला कि वह ठगी करने वालों को अकाउंट, सिम कार्ड मुहैया कराता था और पैसे ट्रांसफर करने में मदद करता था. इसमें गांव के ही तीन से चार जानकार हैं. उसके कब्जे से 2 मोबाइल फोन, 45 सिम कार्ड और एक लाख रुपये जब्त किये. उसने साइबर ठगों को सौ से अधिक खाते/सिम कार्ड दिये थे.

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जांच के दौरान पुलिस ने सौ से ज्यादा सीसीटीवी को खंगाला, जिसमें संदिग्ध की पहचान की गई. एक गुप्त सूचना पर आरोपी राजा पटेल को तिलक नगर स्थित पार्क से दबोच लिया. राजा पटेल ने यूट्यूब से वेबसाइट डेवलप करना सीखा था. उसने 2018 में सोहो सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन के नाम से सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की और क्लाइंट्स के लिए वेबसाइट डेवलप करने लगा. फरवरी, 2022 में उसकी मुलाकात श्याम नामक व्यक्ति से हुई.

फरवरी 2023 के महीने में उसने वर्ड स्ट्रीम की-वर्ड टूल पर डीडीए फ्लैट्स की खोज की, जिसमें हर रोज दो सौ से ज्यादा लोग डीडीए फ्लैट्स के लिए गूगल पर सर्च कर रहे हैं. इसके बाग उसे डीडीए की फर्जी वेबसाइट बनाकर पैसे कमाने का आइडिया आया. उसने डीडीए के नाम से तीन फर्जी वेबसाइट और अन्य धोखेबाजों के लिए 15 से अधिक फर्जी वेबसाइट बनाई हैं. आरोपियों ने एक हजार से ज्यादा लोगों को अभी तक ठगा है.

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