नई दिल्ली: 1 नवंबर से दिल्ली में डीजल की बीएस-3 व बीएस-4 बसों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. सिर्फ सीएनजी, इलेक्ट्रिक और डीजल की बीएस-6 बसों को प्रवेश दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों की बसों से दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है. यह बातें दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कश्मीरी गेट बस अड्डे का निरीक्षण करने के दौरान कही. साथी उन्होंने कहा कि एनसीआर के सभी राज्यों में सरकार सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलाए ताकि प्रदूषण न हो.
पर्यावरण मंत्री कश्मीरी गेट बस अड्डे पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसमें उन्हें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से पहुंची अधिकतर बसें बीएस 3 व बीएस 4 की मिली. इस पर उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण की स्थिति है वह पूरे उत्तर भारत की स्थिति बन चुकी है. पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण बहुत खराब स्थिति में है.
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मंत्री ने कहा कि दिल्ली में अब धूल से होने वाले प्रदूषण की मात्रा कम हुई है, लेकिन गाड़ियों के प्रदूषण की मात्रा ज्यादा दिख रही है. दिल्ली के अंदर सीएनजी और 800 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें हैं, लेकिन दिल्ली के चारों तरफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान में अभी भी बीएस-3 और बीएस-4 की बसें चल रही है जो काफी प्रदूषण करती हैं.
सभी बसों को नोटिस जारी करने का निर्देश: मंत्री राय ने कहा कि हमें निरीक्षण में मिला कि एक भी सीएनजी या इलेक्ट्रिक बस बाहर के राज्य से नहीं आई. ट्रांसपोर्ट के विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी बीएस-3 और बीएस-4 बसें कश्मीरी गेट बस अड्डे पर आई है, सभी को नोटिस दिया जाए. इससे की 1 नवंबर से दिल्ली में ये बसें प्रवेश न करें.
यात्रियों को हो सकती है परेशानी: दीपावली से पहले ट्रेन के साथ बसों में भी भीड़ बढ़ जाती है, लेकिन 1 नवंबर से इन बसों पर प्रतिबंध लगने के बाद दिल्ली से बसों का संचालन काम हो सकता है. इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ेगा. इस पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से पहले ही निर्देश दे दिया गया था राज्य सरकारों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी है.
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