नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने का फैसला किया है. राजस्व मंत्री आतिशी ने सोमवार को सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2008 के बाद पहली बार कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं. अभी तक दिल्ली के हर जिले में प्रति एकड़ 53 लाख रुपये का सर्किल रेट निर्धारित था, लेकिन अब हर जिले की कृषि भूमि के लिए अलग-अलग सर्किल रेट तय किया गया है.
मंत्री आतिशी ने कहा कि नए सर्किल रेट से संबंधित फाइल उपराज्यपाल को भेज दी गई है. वहां से स्वीकृति मिलते ही दिल्ली में कृषि भूमि के लिए नया सर्किल रेट लागू हो जाएगा. उसके बाद किसानों की जमीन अगर विकास कार्यों के लिए सरकार अधिग्रहण करती है तो नई दरों के हिसाब से उन्हें उसकी कीमत दी जाएगी.
दक्षिणी और नई दिल्ली की जमीन साढ़े नौ गुनी महंगीःप्रस्तावित नए सर्किल रेट के अनुसार, दक्षिणी और नई दिल्ली की जमीन करीब साढ़े नौ गुनी महंगी हो गई है. दोनों जिलों की खेती की जमीन का सर्किल रेट एक एकड़ का पांच करोड़ रुपए तय किया गया है. वहीं, उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी-पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी दिल्ली की जमीन की कीमत में साढ़े 5 गुना इजाफा किया गया है. यहां की जमीन की कीमत 3 करोड़ रुपये प्रति एकड़ हो गई है.
शाहदरा, उत्तर-पूर्वी और पूर्वी दिल्ली में जमीन सबसे सस्तीः नए सर्किल रेट के अनुसार, शाहदरा, उत्तर-पूर्वी और पूर्वी दिल्ली की जमीन की कीमत में कम बढ़ोतरी की गई है. वहां की जमीन की कीमत 2.25 करोड़ प्रति एकड़ तय की गई है. यानी पिछली कीमत से 4 गुना ज्यादा. वहीं, मध्य और दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली का सर्किल रेट 2.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ तय किया गया है.
गरीबों के घर का सपना होगा महंगाः शहरी मामलों के जानकार व दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश ममगांई ने दिल्ली की जमीन के सर्किल रेट को प्रति एकड़ 500 से 1000 प्रतिशत तक बढ़ाने के फैसले को वेतनभोगी, मध्यम वर्ग, गरीब व मेहनतकश विरोधी बताया है. सर्किल रेट में इतनी भारी बढ़ोतरी के कारण गरीब व मध्यम वर्ग के लिए दिल्ली में अपना मकान खरीदना नामुमकिन हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज भी 10 लाख से अधिक परिवारों के पास रहने के लिए अपना मकान नहीं है. वेतनभोगी विशेषकर सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्त होने से पहले अपना मकान खरीदने के लिए पाई-पाई जोड़ इसकी व्यवस्था करते हैं, ऐसे में सर्किल रेट की बेतहाशा बढ़ोतरी से उनकी उम्मीदें दम तोड़ देंगी. ममगांई ने कहा कि दिल्ली सरकार ने न तो प्रधानमंत्री आवास योजना को प्रोत्साहित किया है और न ही निम्न व मध्यम वर्ग के लिए उचित दामों पर आवास प्रदान करने की अपनी कोई योजना बनाई है.
किसानों को जमीनों का वाजिब दाम और मुआवजा की दुहाई दी जा रही है, इसका अर्थ यह है कि दिल्ली से कृषि को पूर्णतया समाप्त करना. क्योंकि किसान जब अपनी जमीन बेचेगा तभी तो जमीन की कीमत या मुआवजा ज्यादा मिलेगा. ममगांई ने कहा कि महंगाई से जनता त्रस्त है, रियल एस्टेट दम तोड़ रहा है और ऐसे में केजरीवाल सरकार अधिक राजस्व उगाहना चाहती है ताकि उनके राजनीतिक एजेंडे के लिए दिल्ली सरकार का खज़ाना अधिकाधिक बढ़ाया जा सके.
क्या होता है सर्किल रेटः सर्किल रेट किसी भी संपत्ति को बेचने का न्यूनतम निर्धारित रेट है. दिल्ली में लागू संपत्तियों का सर्किल रेट बाजार की कीमतों के अनुसार बनाए रखने के लिए समय-समय पर जांच की जाती है. निर्धारित सर्किल रेट के अनुसार जब संपत्ति की खरीद-फरोख्त होती है तो पंजीकरण शुल्क दिल्ली सरकार को देना पड़ता है. अगर आप किसी भी जगह कोई जमीन, प्लॉट या घर खरीदना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले वहां लागू जमीन का सरकारी सर्किल रेट मालूम होना चाहिए. सर्किल रेट वह निर्धारित रेट है, जिससे कम पर आप कोई संपत्ति खरीद या बेच नहीं सकता. इससे कम की राशि पर किसी भी प्लॉट, निर्मित घर, अपार्टमेंट या व्यावसायिक संपत्ति की बिक्री नहीं हो सकती है.