नई दिल्ली :केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सलाह का समर्थन करते हुए कहा कि 14 फरवरी को काउ हग डे मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सभी को गाय से प्यार करना चाहिए और उसे गले लगाना चाहिए. इसको लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के मीम्स भी बनाए जा रहे हैं. वहीं, गौशाला संचालकों ने सहमति जताते हुए कहा कि वैदिक काल से भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है. सभी भारतवासियों को पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध से प्रेरित वैलेंटाइन डे न मना कर "काउ हग डे" मनाना चाहिए.
दिल्ली के ताजपुर और जांटी कला गांव में गौशाला संचालक मोनू कुमार ने बताया कि वह दो गौशाला चला रहे हैं. दोनों गौशाला में 100 से ज्यादा गाय है. गायों को हिंदू समाज में वैदिक काल से माता का दर्जा प्राप्त है. कहा जाता है कि गाय का जन्म नहीं हुआ है, बल्कि समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की बात पर सहमती जताते हुए उन्होंने कहा कि गाय ऑक्सीजन देती है और कार्बन डाइऑक्साइड अब्जॉर्ब करती है. कोरोना काल में पैसे देकर भी लोगों को ऑक्सीजन का सिलेंडर नहीं मिल रहा था. वहीं गाय लोगों के लिए जीवनदायिनी बनकर ऑक्सीजन छोड़ रही थी. गायें, खासकर पालतू जानवरों के साथ रहने और उसके साथ खेलने से प्रेम की भावना बढ़ती है.
गायों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
विदेशों में लोग पैसे देकर गायों की सेवा करते हैं. अब भारत में भी लोग गायों की सेवा कर उनके साथ समय निकालकर गौशाला में खेलने के लिए आते हैं. इससे लोगों को घातक से घातक बीमारियों से निजात मिलती है. ब्लड कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और एड्स जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. गाय के गोबर और गोमूत्र को एक साथ मिलाकर शरीर पर लगाने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है.