नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम में इन दिनों एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं. कमिश्नर और निगम पार्षदों के बीच मतभेद सामने है वहीं अब बल्लीमारान के निगम पार्षद ने निगम के कामकाज पर सवाल उठाए हैं.
बल्लीमारान के निगम पार्षद ने MDMC पर लगाए आरोप 'निर्णय लेने के बाद भी अमल नही होता'
दूसरी तरफ निगम में बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार की खबरें भी अब सामने आने लगी हैं. चाहे वह बिल्डिंग विभाग में हो या फिर दूसरे विभागों में.
ईटीवी भारत की टीम ने निगम पार्षद मोहम्मद सादिक से जब बात की तो उन्होंने बताया कि वार्ड कमेटी के अंदर जिस मुद्दे पर बहस होती है और उसके बाद कोई निर्णय लिया जाता है तो उसके ऊपर अमल नहीं होता है.
'लेनी पड़ती है कमिश्नर से परमिशन'
सीमा ताहिरा सिर्फ कहने के लिए जोन की चेयरमैन है उन्हें भी अपनी जोन में काम करवाने के लिए कमिश्नर से परमिशन लेनी पड़ती है.
इस बार की वार्ड कमेटी की बैठक में स्ट्रीटलाइट्स के ऊपर जमकर बहस हुई थी. क्योंकि निगम ने स्ट्रीट लाइट्स तो बदलवा दी है लेकिन काम नहीं कर रही हैं.
एनडीपीएल को जब से ठेका दिया है तब से इस प्रकार की दिक्कत आ रही हैं. पिछले 2 साल से इसके ऊपर लगातार बहस भी हो रही कि गलियों में अंधेरा पसरा रहता है.
कमिश्नर को भेजा है लेटर
शिकायत करने पर 2 से 3 दिन तक लाइट जलती है लेकिन बाद में फिर वही हालत हो जाती है इसके ऊपर हमने कमिश्नर को लेटर भेजा है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है.
4 साल में किया काम
उन्होंने आगे कहा, 'निगम के अंदर 12 साल से भारतीय जनता पार्टी व्याप्त है और वह बिल्कुल भी काम नहीं कर रही है. निगम को सिर्फ भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा.'
दूसरी तरफ AAP को अभी आए हुए 4 साल ही हुए हैं और हम लोगों ने इतना काम करा है जितना भाजपा ने 12 साल में नहीं करा निगम में रहते हुए उससे ज्यादा काम में दिल्ली सरकार में रहते हुए हम लोग कर रहे है.