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Delhi Service Bill: पंडित नेहरु का जिक्र कर अमित शाह ने साधा निशाना, केजरीवाल बोले-  इनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं - CM Arvind Kejriwal

दिल्ली सर्विस बिल पर गुरुवार को लोकसभा में चर्चा हुई. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरु सहित सरदार पटेल का जिक्र कर बिना नाम लिए AAP पर निशाना साधा. इस पर पलटवार AAP संयोजक और सीएम अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है. पढ़ें...

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Published : Aug 3, 2023, 6:54 PM IST

Updated : Aug 3, 2023, 8:48 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली सर्विस बिल पर चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के राष्ट्रीय राजधानी पर शासन किया है और समस्याएं केवल 2015 से पैदा हुई हैं. जब एक सरकार आई. उन्होंने ना तो आम आदमी पार्टी का और ना ही इसके मुख्य अरविंद केजरीवाल का नाम लिया. गृहमंत्री के इस बयान पर करीब 4 घंटे बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा कि आज लोकसभा में अमित शाह को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते हुए सुना. बिल का समर्थन करने के लिए उनके पास एक वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर-उधर की फालतू बात कर रहे थे. वह भी जानते हैं वह गलत कर रहे हैं. यह बिल दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. इंडिया ऐसा कभी नहीं होने देगा.

संजय सिंह ने भी साधा निशानाःआम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बड़े अचंभित करने वाली बात है कि दोपहर में अमित शाह नेहरूवादी हो गए और वह दिल्ली के संदर्भ में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए दलील और तर्क का इस्तेमाल दिल्ली के बिल के संदर्भ में कर रहे थे. सिंह ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के मुख्यमंत्री रहे मदनलाल खुराना, साहिब सिंह रहे हो, इन लोगों ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक की मीटिंग में दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की बात कही है. प्रस्ताव तैयार किया. आज वही पार्टी इसके खिलाफ बिल लेकर आई.

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अमित शाह ने नेहरु का किया जिक्रः केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली के बिल पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु भी दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के पक्ष में नहीं थे. कई पूर्व नेताओं के बयानों के साथ उन्होंने कई देशों का हवाला देते हुए कहा कि राजधानी की व्यवस्था केंद्र के अधीन रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एकजुट दिख रहा है. यह बिल केवल सेवाओं को अधीन करने का मामला नहीं है. दिल्ली की सेवाओं पर अधिकार करके अरविंद केजरीवाल सरकार अपने भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश करना चाहती है.

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Last Updated : Aug 3, 2023, 8:48 PM IST

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