नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को इस साल भी जलभराव की समस्या से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. ऐसा इसलिए कि दिल्ली नगर निगम ने अभी तक अपने नालों की सफाई पूरी नहीं की है. सबसे बुरा हाल साउथ MCD के एरिया का है, तीनों एमसीडी में सबसे अधिक 243 नाले साउथ MCD के अंतर्गत आते हैं. लेकिन यहां नालों की सफाई के लिए किसी प्रकार की कोई तेजी नहीं देखी जा रही है. वहीं नॉर्थ एमसीडी के एरिया में 192 नाले आते हैं, जिनकी सफाई अभी भी की जा रही है. जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले 223 नालों का भी यही हाल है.
क्या है पीडब्ल्यूडी की स्थिति
दिल्ली के अंदर पीडब्ल्यूडी के पास करीब 2064 किलोमीटर लंबे बड़े नाले हैं और इनकी सफाई अभी तक शुरू नहीं हुई है. एक तरफ राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर है, वहीं मानसून आने तक इन नालों की सफाई नहीं हुई, तो राजधानी दिल्ली में एक बार फिर पिछले साल की तरह भयावह तस्वीरें देखने को मिल सकती है. क्योंकि दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले सभी छोटे नालों का आउट फॉल पीडब्ल्यूडी के बड़े नालों में है. ऐसे में पीडब्ल्यूडी के बड़े नालों की सफाई नहीं हुई, तो निगम के छोटे नाले बरसात में भर जाएंगे.
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पिछले साल सामने आई थी भयावह तस्वीर
पिछले साल मानसून के दौरान मिंटो रोड पर जलभराव के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और इस साल भी राजधानी दिल्ली में कमोबेश कुछ ऐसी हालात बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. नालों की सफाई करने की योजना अभी तक भली-भांति तरीके से जमीनी स्तर पर लागू होती नहीं दिख रही है. हर साल मानसून के दौरान कॉलोनियों के अंदर जलभराव देखने को मिलता है. साउथ एमसीडी का एरिया हो या फिर नॉर्थ एमसीडी का एरिया, हर जगह यही समस्या देखने को मिली थी.
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निगम के डेम्स विभाग के अफसरों का कहना है कि निगम के अंतर्गत आने वाले छोटे नालों की सफाई मार्च के पहले हफ्ते में शुरू की गई थी. तीनों एमसीडी ने नालों की शत-प्रतिशत सफाई डेडलाइन 15 मई तय की थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते नालों की सफाई का काम अधर में लटक गया और अभी तक महज 40 से 60 फीसदी नालों की सफाई हो पाई है. वह भी नगर निगम के जिसे देखकर नहीं लगता कि अगले चंद महीनों में सफाई पूरी हो पाएगी, क्योंकि पीडब्ल्यूडी के नालों की सफाई तो अभी शुरु भी नहीं हुई है.