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SOL में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू, छात्रों को मिलेगा फायदा - रेगुलर

स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है, जिसका छात्रों ने काफी विरोध भी किया. जिसपर एसओएल प्रशासन ने कहा है कि सीबीसीएस सिस्टम लागू होने से ओपन और रेगुलर से पढ़ने वालों छात्रों के बीच कोई असमानता नहीं रहेगी.

दिल्ली यूनिवर्सिटी etv bharat

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Published : Oct 10, 2019, 8:18 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) में शैक्षणिक सत्र 2019 - 20 से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू कर दिया गया है. जिसके बाद एसओएल प्रशासन कहा है कि सीबीसीएस सिस्टम लागू होने से ओपन से पढ़ने वाले और रेगुलर पढ़ने वाले छात्रों के बीच कोई असामनता नहीं रह जाएगी.

चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम छात्रों को मिलेगा फायदा

बाता दें कि डीयू के अंतर्गत आने वाले एसओएल में सीबीसीएस लागू होने का छात्रों ने विरोध किया था. उनका कहना था कि बिना किसी पूर्व योजना के यह सिस्टम लागू किया जा रहा है जिससे केवल छात्र ही नहीं शिक्षक भी पाठ्यक्रम को लेकर अनभिज्ञ हैं.

छात्रहित के लिए सीबीसीएस सिस्टम
छात्रों के विरोध का जवाब देते हुए एसओएल के ओएसडी ने एक नोटिस जारी किया है. जिसमें स्पष्ट किया गया है कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इस नोटिस में बताया गया है सीबीसीएस एसओएल में अच्छे से लागू हो सके इसको लेकर कई अहम कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि सीबीसीएस योजनाबद्ध होते ही सभी इंचार्ज को सीबीसीएस के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश जारी किए गए थे.

साथ ही सिलेबस तैयार होते ही उसे आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया था. एसओएल की ओर से स्पष्ट किया गया कि अधिकतर पाठ्य सामग्री ओपन लर्निंग के तीन सेन्टर्स- साउथ स्टडी सेंटर मोती बाग, कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग(वेस्ट स्टडी सेंटर), केशवपुरम और डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में वितरित कर दिए गए हैं. साथ ही छात्रों को शिक्षकों की व्यस्तता या कमी से न जूझना पड़े इसके लिए रिसोर्स पर्सन के तौर पर उन्हें ही नियुक्त किया गया है जो विश्वविद्यालय के किसी और विभाग में व्यस्त न हो.

'पढ़ाई का स्तर एक समान'
एसओएल द्वारा जारी नोटिस के अनुसार एक सितंबर से सभी पांच स्नातक पाठ्यक्रमों की क्लासेज शुरू हो चुकी हैं. स्नातक पाठ्यक्रम के पहले सेमेस्टर के लिए 15 क्लासेज निर्धारित की गई हैं, जिससे पहले सेमेस्टर का सिलेबस पूरा करवाया जा सके. साथ ही लिखा है कि एसओएल द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से छात्र काफी संतुष्ट हैं क्योंकि यह सिस्टम लागू होने से ओपन लर्निंग और रेगुलर छात्रों की पढ़ाई का स्तर समान हो जाएगा और उनके बीच की सभी असमानताएं भी खत्म हो जाएंगी. बता दें कि एसओएल द्वारा वार्षिक तौर पर कुल 20 क्लासेज दी जाती हैं वहीं सेमेस्टर सिस्टम लागू होने पर 28-30 क्लासेज लगेंगी.

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