दिल्ली

delhi

By

Published : Feb 20, 2023, 11:05 PM IST

ETV Bharat / state

50 साल पुराने संस्कृत महाविद्यालय का मनाया गया वार्षिकोत्सव

21वीं सदी के इस बदलते भारत में विज्ञान का प्रचार प्रसार जोर शोर से देखने को मिल रहा है. इस बीच कई संस्थान द्वारा अब संस्कृत को भी बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. इसी फेहरिस्त में संस्कृत को बढ़ावा देने के मकसद से श्री हनुमान संस्कृत महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम राजौरी गार्डन में किया गया.

Etv Bharat
Etv Bharat

संस्कृत महाविद्यालय का मनाया गया वार्षिकोत्सव

नई दिल्ली: भारत में स्थित करीब 50 साल पुराने संस्कृत महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया गया. वार्षिकोत्सव के दौरान पूर्वोत्तर से जुड़े राज्यों और यहां तक नेपाल के लोक नृत्य को भी प्रस्तुत किया गया. नॉर्थ ईस्ट के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया. हिंदी भाषा और संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर आठ समाजसेवियों एवं संस्कृत विद्वानों को भी किया सम्मानित गया.

21वीं सदी के इस बदलते भारत में विज्ञान का प्रचार प्रसार जोर शोर से देखने को मिल रहा है तो वहीं एक कार्यक्रम के माध्यम से संस्कृत और हिंदी भाषा को भी जोर शोर से बढ़ावा दिया जा रहा है. हनुमान संस्कृत महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया गया. वैदिक मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. नेपाली लोक नृत्य, मणीपुरी नृत्य, संवत्सर गीतिका, योग एवं काव्यावली आदि कार्यक्रमों ने लोगो को मंत्र मुग्ध कर दिया. इस अवसर पर अध्यक्ष के रूप में कुलदीप कुमार अग्रवाल तथा मुख्य वक्ता के रूप में विश्व हिन्दू परिषद् के संयुक्त महामंत्री अजय पारिक उपस्थित थे.

अजय पारिक ने अपने उद्बोधन में हिन्दू संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व की श्रेष्ठतम संस्कृतियों में से एक हिन्दू संस्कृति है तथा विश्व की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत भाषा है. संस्कृत भाषा कम्प्यूटर के लिए सर्वोपयोगी है. जोन- 15 कर्मपुरा के शिक्षा निदेशक कैलाश चन्द्र जी ने हनुमान संस्कृत महाविद्यालय के चहुंमुखी विकास की कामना की. इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय के छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की. प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यालय द्वारा पावन पर्व प्रबोधिनी नामक पत्रिका का लोकार्पण किया गया. इस वर्ष विद्यालय द्वारा एक नए कैलेंडर का भी प्रकाशन किया गया. कार्यक्रम में विशेष रूप से केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. निवास वरखेडी उपस्थित रहें. महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषा संस्कृत और हिंदी को बढ़ावा देना रहा. इस दौरान नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग राज्य और यहां तक कि नेपाल के लोक नृत्य को भी कार्यक्रम में दर्शाया गया, जिससे वहां के छात्र छात्राओं का भी संस्कृत और हिंदी भाषा से जुड़ाव हो और वह इस भाषा में कोशिश कर ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर सकें.

इस अवसर पर दिल्ली के आठ समाज सेवियों एवं संस्कृत विद्वानों को संस्कृत सेवा सम्मान से समानित किया गया.

यह भी पढ़ें: नोएडा के ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आध्यात्मिक वातावरण में मना क्रिसमस

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details