नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 102वें स्थापना दिवस पर शुक्रवार से तीन दिवसीय समारोह की शुरुआत की गई. जामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर के प्रीव्यू थिएटर में, छात्र फिल्म महोत्सव 'एजेकेएमसीआरसी फिल्मोत्सव' का उद्घाटन किया. दिन भर चलने वाले फिल्म महोत्सव में छात्रों की बनाई गई फिल्मों का प्रदर्शन किया गया.
उत्सव के क्रम में केंद्र में कई अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए. इस कड़ी में प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्य केंद्र (जेपीएएलसी), जामिया ने मुंशी प्रेमचंद के 'शतरंज के खिलाड़ी' का नाटकीय वाचन प्रस्तुत किया. प्रदर्शन डॉ दानिश इकबाल ने निर्देशित किया था, जिसे पीजी डिप्लोमा, अभिनय, एजेकेएमसीआरसी, जेएमआई के छात्रों ने किया.
कार्यक्रम का मंचन प्रो. कीर्ति जैन, प्रख्यात रंगमंच निदेशक और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के पूर्व निदेशक और जामिया के कुलपति प्रो नजमा अख्तर की उपस्थिति में किया गया था. मौके पर छात्र, शिक्षक और विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे. प्रो. जैन ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन और नाटक के ऐतिहासिक परिवेश को प्रभावी ढंग से प्रस्तुति की क्षमता के लिए प्रशंसा की. कुलपति ने छात्रों को बधाई दी और उन्हें अभिलेखागार का दौरा करने और जामिया के इतिहास और जेपीएएलसी में अन्य होल्डिंग्स के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित किया.
आर्किटेक्चर विभाग, आर्किटेक्चर एवं एकिस्टिक्स संकाय, जेएमआई ने इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन स्टूडेंट चैप्टर की इंस्टालेशन का आयोजन किया. कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नजमा अख्तर की उपस्थिति में, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शमुकेश असिजा, अध्यक्ष, दिल्ली चैप्टर, इंडियन प्लंबिंग एसोसिएशन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. वास्तुकला विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमर इरशाद ने अतिथियों का अभिनंदन किया और दर्शकों का स्वागत किया.
उन्होंने वास्तुकला और योजना के छात्रों को आईपीए और इसके बेनेफिट्स के बारे में एक संक्षिप्त जानकारी दी. प्रो.अख्तर ने दर्शकों को इंजीनियरिंग और डिजाइन के एक हिस्से के रूप में प्लम्बिंग के महत्व से अवगत कराया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आईपीए के छात्र चैप्टर की शुरुआत छात्रों को एक्सपोजर और निकट भविष्य में जुड़े बेनेफिट्स प्रदान करेगी. यह शिक्षाविदों और उद्योग के बीच एक कड़ी का काम करेगा, छात्रों को अत्याधुनिक तकनीक से अवगत कराते हैं, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरूप है.