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दिल्ली के सियासी सितारों पर बोले युवा- भीड़ तो ठीक है, काम भी होना चाहिए

लोगों की माने तो सितारे राजनीति में नहीं फबते क्योंकि वो जनता की परेशानियों को नहीं समझ पाते. कुछ लोगों का ये मानना था कि ये सिलेब्रिटी भीड़ तो अच्छी जुटा लेते हैं लेकिन काम नहीं कर पाते. ऐसे में राजनीतिक दलों को भी इन्हें उम्मीदवार बनाने से बचना चाहिए.

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Published : May 1, 2019, 11:00 PM IST

दिल्ली में स्टार उम्मीदवारों पर युवाओं की राय

नई दिल्ली: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर इस बार कांटे की टक्कर नजर आ रही है. सियासी दिग्गजों के साथ-साथ सितारे भी जीत के लिए दम ठोक रहे हैं. बीजेपी ने 2 सीटों पर स्टार उम्मीदवार को उतारा है तो कांग्रेस ने बॉक्सर विजेंद्र सिंह पर भरोसा जताया है. ईटीवी भारत ने युवाओं से जाना कि सितारों की उम्मीदवारी को वो कैसे देखते हैं.

दिल्ली में स्टार उम्मीदवारों पर युवाओं की राय

ईटीवी भारत जब युवाओं के बीच पहुंचा तो लोगों ने अपनी राय रखी. आम आदमी पार्टी को छोड़कर बीजेपी और कांग्रेस ने दिल्ली की 3 सीटों पर सेलिब्रिटी उम्मीदवारों को उतारा है. बीजेपी ने पूर्वी दिल्ली से क्रिकेटर गौतम गंभीर और उत्तरी पश्चिम दिल्ली से पंजाबी गायक हंस राज हंस को उतारा है, तो वही कांग्रेस ने बॉक्सर विजेंद्र सिंह को दक्षिण दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस मुद्दे पर ज्यादातर लोग सिलेब्रिटीज़ के राजनीति में आने पर नाराज़ दिखे तो वहीं कुछ लोग इनके फैन होने के कारण पक्ष में भी नजर आए.

'सितारे नहीं समझते जनता की परेशानी'
लोगों की माने तो सितारे राजनीति में नहीं फबते क्योंकि वो जनता की परेशानियों को नहीं समझ पाते हैं. कुछ लोगों का ये मानना था कि ये सिलेब्रिटी भीड़ तो अच्छी जुटा लेते हैं लेकिन काम नहीं कर पाते. ऐसे में राजनीतिक दलों को भी इन्हें उम्मीदवार बनाने से बचना चाहिए.

कुछ युवा पक्ष में भी नजर आए
कुछ युवाओं की माने तो नेताओं को खूब मौका देकर जनता ने देख लिया है ऐसे में सितारों को भी मौका देने में आखिर क्या दिक्कत है.

12 मई को दिल्ली में चुनाव होने है और 23 मई को नतीजे सामने आएंगे. तभी ये साफ हो पायेगा कि आखिर जनता ने सिलेब्रिटी को चुना है या नेता को. लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि ये सितारे बड़े-बड़े नेताओं को धूल चटाने का भी दम रखते हैं. यही वजह है कि सितारों के मैदान में उतरने से विपक्षी दल और भी मेहनत में जुट जाते हैं.

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