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कोरोना से किसान आंदोलन तक, आपदा में अवसर जैसा रहा AAP के लिए बीता साल - केजरीवाल सरकार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी द्वारा लगातार तीसरी जीत हासिल करने के एक साल पूरे हो चुके हैं. बीता एक साल भले ही देश के लिए चुनौतीपूर्ण रहा हो, लेकिन कोरोना महामारी में राहत कार्यों से लेकर, किसान आंदोलन को समर्थन के नजरिए से देखें तो यह साल AAP के लिए आपदा में अवसर जैसा रहा है.

year 2020 was an opportunity for Aam Aadmi Party in disaster
आपदा में अवसर जैसा रहा AAP के लिए बीता साल

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Published : Feb 16, 2021, 7:33 AM IST

Updated : Feb 16, 2021, 9:07 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की तीसरी सरकार का एक साल पूरा हो चुका है. 26 नवंबर 2012 को पार्टी की स्थापना के बाद से अब तक के सफर पर नजर डालें तो बीता एक साल आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली से बाहर देश के दूसरे हिस्सों में पांव पसारने की कोशिशों के हवाले रहा. कोरोना महामारी के दौरान अपने कार्यों को भी आम आदमी पार्टी ने देश भर में अपने विस्तार के तौर पर इस्तेमाल किया.

आपदा में अवसर जैसा रहा AAP के लिए बीता साल

'जीत से हुई साल की शुरुआत'

इस साल की शुरुआत से देखें तो 2020 आम आदमी पार्टी के लिए धमाकेदार जीत से शुरू हुआ. 70 सीटों वाली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की. उसके बाद इस पर चर्चा भी हुई कि बाकी 8 सीटों पर किस कारण हार हुई. उसके तुरंत बाद पार्टी 2022 के निगम चुनावों की तैयारियों में जुट गई. अपने एक महत्वपूर्ण पीएसी सदस्य दुर्गेश पाठक को पार्टी ने निगम का प्रभारी बनाया.

'प्रवासियों की सहायता के लिए अपील'

हालांकि इसी बीच दिल्ली में दंगे शुरू हो गए और उस दौरान भी आम आदमी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि पीड़ित लोगों के लिए कैम्प लगाकर सहायता करें. दिल्ली दंगों की आग से उबरती, तब तक कोरोना का कहर सामने आ गया और फिर आम आदमी पार्टी ने उस दौरान भी अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं से लोगों की सहायता की अपील की. यह अपील खासतौर पर उस समय के लिए थी, जब दिल्ली से प्रवासी लोग पैदल जा रहे थे.

'दंगे के दौरान राहत कैम्प'

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा राहत कैम्प लगाए गए. इस दौरान एक बड़ी घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने की. स्वतंत्रता दिवस को देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए देश भर में ऑक्सीमीटर का वितरण करें. तब घोषणा हुई थी कि हर गांव में एक ऑक्सीमीटर पहुंचाना है.

'देश भर में ऑक्सीमीटर पहुंचाया'

अरविंद केजरीवाल ने अपने नेताओं से अपील की कि बड़ी संख्या में ऑक्सीमीटर डोनेट करें. इस कार्यक्रम के जरिए आम आदमी पार्टी ने देश के सुदूर गांवों तक भी अपनी पहुंच बनाई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दक्षिणी भारत और उत्तर पूर्व के कई हिस्सों की भी ऐसी तस्वीरें शेयर की, जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ऑक्सीमीटर के जरिए लोगों का ऑक्सीजन स्तर जांच रहे थे.

'कई राज्यों के निकाय चुनावों में सफलता'

इन सबके बीच दिल्ली से बहुत दूर, दक्षिणी भारत के राज्यों से लेकर कश्मीर तक में आम आदमी पार्टी चुनावी तैयारी में व्यस्त रही. कर्नाटक से लेकर हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा और तेलंगाना तक में आम आदमी पार्टी ने निकाय चुनावों में जीत हासिल की. यहां तक की जम्मू कश्मीर के डीडीसी चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने एक सीट जीती. उत्तर प्रदेश में भी इस पूरे साल आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ सक्रिय रही है.

'संसद में विरोध की मजबूत आवाज'

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं. 2020 में उत्तर प्रदेश की सियासी खबरों में आम आदमी पार्टी और संजय सिंह की मौजूदगी बनी रही. दूसरी तरफ संजय सिंह ने संसद में भी आम आदमी पार्टी की मौजूदगी का पुरजोर अहसास कराया. खासतौर पर राज्यसभा में कृषि कानूनों के पास होने के दौरान संजय सिंह का विरोध और उनके द्वारा विरोध के माइक तोड़ना खासा सुर्खियों में रहा.

'केजरीवाल ने किया सिंघु बॉर्डर का दौरा'

संजय सिंह सहित आम आदमी पार्टी के तीनों राज्यसभा सांसद और लोकसभा सांसद भगवंत मान ने कृषि कानूनों के विरोध के सुर में आम आदमी पार्टी की महत्वपूर्ण आवाज शामिल की. उसके बाद जब किसान इन कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतरे, तब भी आम आदमी पार्टी लगातार पंजाब से लेकर दिल्ली तक इनके समर्थन में खड़ी रही. खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिंघु बॉर्डर का दौरा किया.

'किसानों के समर्थन में रही AAP'

अरविंद केजरीवाल ने किसानों को समर्थन और हर तरह की सुविधा देने का आश्वासन दिया. बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के लिए दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर लगाए गए. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में किसानों की सहायता के लिए लगातार खड़े रहे. वहीं किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं ने एक दिन का उपवास भी रखा. साथ ही 8 दिसम्बर के किसानों के भारत बंद में भी शामिल रही.


'AAP का एक्सपेंशन ईयर'

हम कह सकते हैं कि बीता एक साल आम आदमी पार्टी के लिए एक्सपेंशन ईयर के तौर पर रहा. दिल्ली में लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी ने इस साल दूसरे राज्यों में जमीन मजबूत करने की कोशिश की. इन कोशिशों में उन 6 राज्यों में खुद की पकड़ बनाना भी शामिल रहा. जहां आम आदमी पार्टी अगले साल चुनावी मैदान में उतरने जा रही है.

Last Updated : Feb 16, 2021, 9:07 AM IST

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