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यमुना का पानी पांच वर्षों में और हुआ बदतर, तेजी से बढ़ा प्रदूषण - delhi ncr news

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने कुछ समय पहले दिल्ली में यमुना के पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए उसका सैंपल लिया था. इसकी जांच के बाद यह पाया कि 2017 के बाद से यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है. (Yamuna water get worse in last five years, level of pollution in Yamuna increased rapidly)

यमुना नदी
यमुना नदी

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Published : Nov 25, 2022, 4:03 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमा से गुजरने वाली 22 किलोमीटर लंबी यमुना नदी में सिर्फ एक स्थान ऐसा है, जहां पानी प्रदूषण नहीं है. बाकी अन्य स्थानों पर पानी इतना प्रदूषित है कि उसका किसी भी लिहाज से इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है. दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के अंतर्गत आने वाली दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए बीते दिनों जो नमूने लिए थे, उसमें पाया गया कि 2017 के बाद से यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. (pollution in Yamuna river increased) जबकि दिल्ली सरकार ने वादा किया था कि 2025 तक युमना नदी नहाने लायक साफ हो जाएगी.

डीपीसीसी यह रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपेगी. सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट के मुताबिक, पल्ला (जहां से यमुना नदी दिल्ली की सीमा में प्रवेश करती है) को छोड़कर राष्ट्रीय राजधानी में प्रत्येक स्थान पर यमुना के पानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. साथ ही जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का स्तर भी बढ़ा है. यमुना नदी के पानी में प्रदूषण की जांच के लिए जगह–जगह से पानी के नमूने लिए गए थे. इसकी जांच में यह सामने आया है.

नदी जोड़ो अभियान से जुड़ी मीना डबास बताती हैं, बीओडी (जैविक ऑक्सीजन मांग) किसी जलाशय में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को विघटित करने के लिए सूक्ष्म जीवों के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है. बीओडी का स्तर तीन मिलीग्राम प्रतिलीटर से कम हो तो उसे अच्छा स्तर माना जाता है. यमुना में मौजूदा स्तर को कम किए बिना इसे स्वच्छ बनाने की बात बेमानी होगी. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) समय-समय पर यमुना के पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए पल्ला‚ वजीराबाद‚ आईएसबीटी पुल‚ आईटीओ पुल‚ निजामुद्दीन पुल‚ ओखला बैराज एवं असगरपुर में यमुना नदी के पानी के नमूने एकत्र करती है. यमुना नदी पल्ला से ही दिल्ली में प्रवेश करती है.

समिति के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच साल के दौरान (2017 से 2022 ) पल्ला में वार्षिक औसत बीओडी स्तर में खास परिवर्तन नहीं हुआ है‚ लेकिन यह वजीराबाद में करीब तीन मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर करीब 9 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है.

इस दौरान आईएसबीटी पुल पर बीओडी स्तर लगभग 30 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 50 मिलीग्राम प्रति लीटर‚ आईटीओ पुल पर 22 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 55 मिलीग्राम प्रति लीटर‚ निजामुद्दीन पुल पर बीओडी स्तर 23 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर करीब 60 मिलीग्राम प्रति लीटर‚ ओखला में 26 मिलीग्राम प्रति लीटर से 69 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया है.

बात दें, यमुना नदी की दशा सुधारने के लिए 1993 में यमुना एक्शन प्लान बनाया गया था. इस योजना के तहत 25 वर्षों के दौरान 1514 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं. बात अगर दिल्ली सरकार की करें तो यमुना की सफाई के लिए 2018 से 2021 के बीच करीब 200 करोड़ रुपये आवंटित किए. नए वित्त वर्ष में यमुना की सफाई से संबंधित प्रोजेक्ट के लिए बजट में 266 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

यमुना नदी

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दिल्ली में इन विधानसभा क्षेत्रों से गुजरती है यमुना

1. नरेला
2. बुराड़ी
3. तिमारपुर
4. चांदनी चौक
5. जंगपुरा
6. लक्ष्मीनगर
7. पटपड़गंज
8. कृष्णा नगर
9. गांधी नगर
10. ओखला

प्रमुख समस्या

  • दिल्ली के वजीराबाद से ओखला तक यमुना नदी का 22 किमी का हिस्सा (जो इस नदी की लंबाई का दो प्रतिशत से भी कम है) सबसे ज्यादा प्रदूषित है और नदी के कुल प्रदूषण में लगभग 76 प्रतिशत योगदान इस क्षेत्र का है.
  • हर दिन दिल्ली के 18 बड़े नालों के जरिये 350 लाख लीटर से अधिक गंदा पानी और असंशोधित सीवेज सीधे यमुना में बहाया जाता है. इस गंदे पानी में फास्फेट और एसिड भी होता है जिससे पानी में जहरीला झाग बनता है

अभियान

  • अब तक यमुना सफाई योजनाओं पर डीडीए, दिल्ली सरकार के अलावे तमाम एनजीओ ने भी न जाने कितने सभा-सेमिनार आयोजित किए जा चुके हैं, मगर सही दिशा में बात आगे नहीं बढ़ी है.
  • यमुना किनारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की पहल.
  • डीडीए द्वारा जून 2021 को जारी डीएसटीपी और एसपीएस के लिए भूमि के मानदंडों के संबंध में अधिसूचना लंबित 63 स्थानों पर भूमि आवंटन के लिए परिणाम प्रक्रिया, अब डीडीए और दिल्ली के राजस्व विभाग की तरफ से शुरू की जा सकती है. नजफगढ़ ड्रेनेज जोन में 8 स्थानों पर कनेक्टेड डीएसटीपी के साथ आंतरिक सीवरेज सिस्टम का अनुमान किया गया है और बोर्ड से प्रशासनिक अनुमति मिलने की प्रक्रिया में हैं.
  • केंद्र सरकार की ओर से यमुना की सफाई के लिए दिल्ली सरकार को 13 विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए 2,419 करोड रुपए की सहायता उपलब्ध कराई है. बावजूद इसके नदी में प्रदूषण का लेवल लगातार बढ़ रहा है. यह सभी प्रोजेक्ट्स अपनी तय समय सीमा से 15 से 27 माह देरी से चल रहे हैं.
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और दिल्ली जल बोर्ड को बताया है कि दिल्ली के 18 प्रमुख नालों में से 12 नालों से अब तक यमुना में गंदा पानी छोड़ा जा रहा है. यानी कि वजीराबाद से ओखला के बीच दिल्ली में नदी के 22 किलोमीटर लंबे हिस्से में 18 प्रमुख नाले यमुना में गिरते थे, जिनमें से 12 नाले अभी भी गिर रहे हैं.

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