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अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर मनाया यादव शौर्य दिवस - भारतीय सेना

All India Yaduvanshi Mahasabha: अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा की तरफ से शनिवार को जंतर-मंतर पर यादव शौर्य दिवस मनाया गया. इस दौरान यदुवंशी महासभा के लोगों ने भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग की.

जंतर-मंतर पर मनाया गया यादव शौर्य दिवस
जंतर-मंतर पर मनाया गया यादव शौर्य दिवस

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 25, 2023, 10:47 PM IST

जंतर-मंतर पर मनाया गया यादव शौर्य दिवस

नई दिल्ली:दिल्ली में शनिवार को अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा के द्वारा यादव शौर्य दिवस मनाया गया. यदुवंशी महासभा के अध्यक्ष विजेंद्र यादव के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. देशभर के अलग-अलग राज्यों से इस कार्यक्रम में यादव समुदाय के लोग शामिल हुए. इस कार्यक्रम में भारी संख्या में यादव समुदाय की महिलाएं भी पहुंची. यदुवंशी महासभा के लोगों ने एक स्वर में आवाज बुलंद करते हुए कहा कि अहीर रेजिमेंट उनका हक है. देश में सबसे ज्यादा आबादी यादवों की है. अगर एक साथ रहेंगे तो सरकार हमारी बात मानेगी.

विजेंद्र यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग कई सालों से चल रही है. कई बड़े आंदोलन कर चुके हैं. अब रामलीला मैदान में भी फिर से आंदोलन किया जाएगा. आज जंतर मंतर पर यह प्रदर्शन सरकार को इस बात की चेतावनी के लिए है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में अहीर समाज के लोगों का दबदबा रहा है. सबसे ज्यादा यादव समाज के जवान भारतीय सेना में शहीद हुए हैं, बावजूद उसके आज भी अहीर रेजिमेंट का हक नहीं दिया जा रहा है.

भारतीय सेना में जाट रेजीमेंट, राजपूत रेजिमेंट, गोरखा रेजीमेंट के साथ अलग-अलग नामों पर रेजीमेंट है, तो फिर अहीरों की रेजिमेंट क्यों नहीं बनाई जा रही है. साल 1962 के युद्ध में चीनी सैनिकों के खिलाफ़ 120 अहिर जवानों ने आखिरी दम तक युद्ध किया. यह युद्ध 18 नवंबर 1962 को 17000 फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था. मेजर शैतान सिंह की अगुवाई में जवानों ने चीन को खूब छकाया. 117 में से 114 जवान इस में अहीर थे, जिसमें से सिर्फ 3 जवान ही जिंदा बचे थे, उन्हें भी गंभीर चोट लगी थी.

मानेसर के उमेश यादव और दिल्ली के मनीष यादव का कहना है कि पहले कांग्रेस की सरकार थी उसने भी वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं किया. यह मांग वर्षो से चली आ रही है. डिफेंस मिनिस्टर भी हमारे समाज के रहे, लेकिन आज तक अहीर रेजिमेंट का हक नहीं मिला. अब अगर मांगे नहीं मानी जाती है तो आने वाले चुनाव में केंद्र सरकार को वोट नहीं देंगे, जो पार्टी अहीर रेजिमेंट देने का वादा करेगी केवल उसी को वोट जाएगा.

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