नई दिल्ली: दिल्ली के मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादमी में गुरुवार को साहित्य मंच कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें प्रख्यात हिंदी कथाकार और नाटककार सुरेंद्र वर्मा ने अपने नए नाटक 'दारा शिकोह की आखिरी रात' के कुछ अंशों को पेश किया. सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित इस नाटक में मुख्य तीन अंक हैं. पूरे नाटक में 7 पात्रों के आपसी संवाद को लिखा गया है. इसमें दाराशिकोह, औरंगजेब, शाहजहां, जहांआरा, रोशनआरा और जेबुन्निसा नामक पात्र शामिल हैं. यह नाटक औरंगजेब और दारा शिकोह की विचाराधाराओं के टकराव और उनके लिए गढ़े गए तर्कों की गहरी जांच पड़ताल करता है.
सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखे गए नाटक के अंतिम अंश में दारा को फांसी देते समय औरंगजेब की आवाज गूंजती है- शरीयत कानून वा दीन को दारा से कई तरह के खतरे थे. इसलिए बादशाह सलामत पाक कानून को बचाने की जरूरत और सल्तनतों निजाम की वजूहात से इस नतीजे तक पहुंचे कि दारा का और जिंदा रहना अमन को खतरा है. इसके बाद दारा का एक बेहद मार्मिक संवाद था, जिसमें कहा गया कि, 'तुम्हारे और मेरे बीच सिर्फ मैं हूं, मुझे हटा लो ताकि सिर्फ तुम रहो.