नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन देश के स्टार कुश्ती खिलाड़ियों का धरना प्रदर्शन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया और उसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जारी है. बीते दिन देर रात को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ लगभग 4 घंटे तक हुई लंबी बैठक के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. इसके बाद अभी भी यह धरना जारी है. केंद्र ने समस्या के समाधान के लिए विशेष कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसका खिलाड़ियों ने स्वागत किया है.
बजरंग पुनिया ने दोपहर डेढ़ बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक खिलाड़ियों की सभी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. खिलाड़ी अपनी ट्रेनिंग छोड़कर हक की लंबी लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत मौजूद है, जिसको लेकर कार्रवाई होनी चाहिए. बृजभूषण शरण सिंह ने इंटरव्यू में खुद कहा है कि उनके खिलाफ सबूत मिला तो वह फांसी लगा लेंगे. वह अब फांसी लगाने की तैयारी करें. हमारे पास सबूत पूरे हैं.
उन्होंने कहा कि आने वाला साल खिलाड़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण साल है, क्योंकि ना सिर्फ ओलंपिक क्वालीफिकेशन राउंड होना है बल्कि एक्शन गेम्स भी होंगे. इसके बावजूद खिलाड़ी अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए आज सड़क पर बैठे हैं. बजरंग पुनिया ने कहा कि हमारी लड़ाई ना तो केंद्र सरकार से है और ना ही किसी राज्य सरकार से. हमारी लड़ाई सिर्फ फेडरेशन से हैं. पूरे मामले को लेकर बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, दीपक पुनिया, रवि भैया के द्वारा एक चिट्ठी इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा को भी लिखी गई है, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सेक्सुअल हरासमेंट को लेकर शिकायत की गई है.
बजरंग पुनिया ने कहा कि यह धरना कुश्ती खिलाड़ियों का है और हमें अपनी हक की लड़ाई कैसे लड़नी है, इसके बारे में हम जानते हैं. हमारे विरोध प्रदर्शन को किसी प्रकार का राजनीतिक या जाति रूप ना दिया जाए. यह धरना सिर्फ खिलाड़ियों का है. इसमें ना तो कोई राजनेता शामिल हैं और ना कोई बिजनेसमैन शामिल हैं. इसमें ना कोई अन्य व्यक्ति शामिल है. सिर्फ खिलाड़ियों का अपने हक के लिए प्रदर्शन है. बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जल्द कानूनी रुख अख्तियार करते हुए खिलाड़ियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इसको लेकर फिलहाल मंथन जारी है. जैसे ही खिलाड़ियों की सभी मांगें मान ली जाएंगी, उसी समय तुरंत प्रभाव से धरना खत्म कर दिया जाएगा. मांगे न माने जाने तक धरना जारी रहेगा.