नई दिल्ली:राजधानी केवजीराबाद इलाके में स्थित यमुना के प्राचीन रामघाट पर जमा कूड़े के ढेर की वजह से श्रद्धालुओं को स्नान करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसको देखते हुए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर नेहरू युवा केंद्र ने पूजा व हवन सामग्री डालने के लिए डंपिंग यार्ड बनाया हैं. यहां पर श्रद्धालु अपने घरों या इलाके के मंदिरों में होने वाली भगवान की पूजा व हवन की सामग्री को लाकर डाल सकते हैं, जिससे यमुना किनारे गंदगी का अंबार न लगे और यमुना का पानी भी साफ रहे.
इलाके के लोगों ने बताया कि यमुना का प्राचीन रामघाट काफी प्रसिद्ध है. इस घाट की बड़ी मान्यता है और लोग यहां दूर-दूर से यमुना स्नान करने के लिए आते हैं. इस घाट पर गंदगी बहुत ज्यादा रहती है, जिसके लिए स्थानीय लोगों ने नेहरू युवा केंद्र के साथ मिलकर हवन पूजा सामग्री डालने के लिए डंपिंग यार्ड बनाने की योजना बनाई गई. योजना पर अमल करते हुए डंपिंग यार्ड यमुना किनारे से दूर बनाया गया, ताकि इलाके के लोग यमुना में गंदगी न डालें. घर में होने वाली पूजा व हवन सामग्री की वजह से यमुना किनारे गंदगी का अंबार लग जाता है और पानी गंदा होता है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि पूजा व हवन सामग्री को जल में ही प्रवाहित किया जाता है. लेकिन अब यमुना में पानी की कमी और जल प्रवाह नहीं होने से सारी सामग्री किनारे पर ही जमा होती है, जिससे गंदगी का अंबार लगता है और पानी भी गंदा होता है.
स्थानीय निवासी ने बताया कि, धार्मिक मान्यतों के आधार पर दशहरा, गुरुपर्व पर नहान के मौके पर श्रद्धालुओं की बहुत भीड़ यमुना में स्नान करने के लिए दूर दूर से आती है, यमुना में आस्था की डुबकी लगाती है. यमुना किनारे प्रसाद बेचकर गुजारा करने वाले लोगों पर पुजारियों की आजीविका का एकमात्र यही साधन है लेकिन गंदगी होने की वजह से श्रद्धालुओं का यमुना घाट पर आना कम हो रहा था. जिसको देखते हुए स्थानीय लोगों ने नेहरू युवा केंद्र के साथ मिलकर योजना पर काम किया और यमुना घाट से दूर हवन पूजा सामग्री डालने के लिए जगह बनाई, जहां पर लोग घरों से लाकर पूजा सामग्री डालते हैं, जिससे समय से इस सामग्री को यहां से उठाया जा सके और गंदगी का अंबार भी यमुना किनारे न लगे. स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुना की सफाई पर स्थानीय प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है. यमुना किनारे गंदगी रहती है और घाट का पानी साफ नहीं है. वहीं पानी की निकासी का कोई रास्ता न होने के कारण यमुना राम घाट पर तालाब में तब्दील होता जा रहा है. हालांकि समय-समय पर सफाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन यह भी महज खानापूर्ति के लिए होता है.