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World Environment Day: राजधानी में बढ़ती हरियाली बढ़ाती है स्वस्थ पर्यावरण की उम्मीद - Growing greenery raises hopes

राजधानी दिल्ली में साल दर साल बढ़ती हरियाली स्वस्थ पर्यावरण के प्रति उम्मीद बढ़ाती है. दिल्ली के कुल जियोग्राफिकल एरिया का 5.73% रिकॉर्ड फॉरेस्ट है.

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Published : Jun 5, 2023, 7:58 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में लगातार हो रहे निर्माण कार्यों के बावजूद हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी हो रही है. यह दिल्ली के पर्यावरण में हो रहे सुधार के प्रति एक नई उम्मीद जताता है. दिल्ली सरकार के वन विभाग के अनुसार, दिल्ली में कुल रिकॉर्ड फॉरेस्ट 85 वर्ग किलोमीटर है. यह दिल्ली के जियोग्राफिकल एरिया का 5.73% है. दिल्ली की हरियाली में रिज फॉरेस्ट का भी अहम योगदान है. राजधानी में कुल 7777 हेक्टेयर रिज फॉरेस्ट है.

इसके अलावा पूरी दिल्ली में 26 प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट हैं. इनमें मित्राऊं, सुल्तानपुर, राजोकरी, जहांपनाह सिटी फॉरेस्ट, डिस्ट्रिक्ट पार्क वसंत विहार आदि शामिल हैं. इन प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट में लोग घूम सकते हैं और यहां की प्राकृतिक छटा को करीब से महसूस कर सकते हैं. इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2015 के अनुसार राजधानी दिल्ली में टोटल फॉरेस्ट एंड ट्री कवर 20.22 प्रतिशत है जबकि वर्ष 1993 यह मात्र 1.48% था. रिपोर्ट बताती है कि राजधानी दिल्ली में हरियाली बढ़ रही है. जाहिर है आम लोगों के लिए फायदेमंद है.

बायोडायवर्सिटी पार्कों से बढ़ी हरियाली की उम्मीद

राजधानी के बायोडायवर्सिटी पार्कों व कुछ पब्लिक पार्कों में चल रही परियोजनाओं से स्वच्छ हवा और पर्यावरण की उम्मीद जगती है. वसंत विहार स्थित अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क, नेब सराय स्थित तिलपथ वैली बायाेडायवर्सिटी पार्क और वसंत कुंज स्थित नीला हौज बायाेडायवर्सिटी पार्कों में देशज पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फार एनवायरमेंटल मैनेजमेंट आफ डीग्रेटेड ईकोसिस्टम (सीईएमडीई) के हेड प्रो. सीआर बाबू के नेतृत्व में ये सभी प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं. वहीं, ग्रेटर कैलाश में 435 एकड़ में फैले डीडीए के जहांपनाह सिटी फारेस्ट में देशज पेड़ लगाकर पार्क विकसित किए गए हैं जहां रोजाना हजारों लोग घूमने आते हैं.


तिलपथ वैली में लगाए गए दो लाख देशज पौधे

नेब सराय स्थित तिलपथ वैली बायाेडायवर्सिटी पार्क में ईकोलाजिस्ट व साइंटिस्ट इंचार्ज डा. आर जया कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2015 से लेकर अब तक करीब दो लाख देशज पेड़-पौधे लगाए जा चुके हैं. पार्क सुबह-शाम आम लोगों व पर्यावरण प्रेमियों के लिए खुला रहता है. यहां तितली पार्क भी बनाया गया है. इस पार्क को विकसित करने का मकसद अरावली को उसका अपना ईको सिस्टम लौटाना है. पार्क में अरावली के प्राकृतिक पेड़-पौधे व लताएं ही लगाई गई हैं. 2015 से लेकर अब तक करीब दो लाख देशज पेड़-पौधे लगाए जा चुके हैं.

लोगों को आकर्षित करता है नीला हौज बायोडायवर्सिटी पार्क

वसंत कुंज स्थित करीब 10 एकड़ में फैले नीला हौज बायोडायवर्सिटी पार्क में 35 देसी प्रजातियों के 10 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगाए गए हैं. इससे यहां पर करीब 70 प्रजातियों के पक्षी भी दिखाई देने लगे हैं. यहां एक तितली पार्क व एक लैंडस्केप गार्डन भी बनाया गया है. यह पार्क संजय वन के पास स्थित है. वहीं, वसंत विहार के अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क में बने बटरफ्लाई पार्क में तमाम तरह की तितलियां हैं जो सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि यहां सैकड़ों प्रजाति के देशज पेड़-पौधे लगाए गए हैं.

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