नई दिल्ली:राजधानी में दिल्ली पुलिस महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन परिणाम पूरी तरह से अलग नजर आ रहा है. दिल्ली में औसतन रोजाना छह लड़कियां दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं. वहीं छेड़छाड़ की बात करें तो रोजाना ऐसे 8 मामले दर्ज किए जा रहे हैं. ये आंकड़े अपने आप में परेशान करने वाले हैं एवं दिल्ली पुलिस के दावों पर बड़ा सवाल खड़े कर रहे हैं.
दिल्ली में औसतन रोजाना छह लड़कियां दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं जानकारी के अनुसार राजधानी में इस साल बीते 15 जुलाई तक दुष्कर्म के 1176 मामले विभिन्न थानों में दर्ज किए गए हैं. वहीं इस अवधि में छेड़छाड़ के 1589 मामले विभिन्न थानों में दर्ज करवाए गए हैं. इसके अलावा फब्ती कसने के 242 मामले भी इस अवधि में दर्ज हुए हैं.
आंकड़े बयां कर रहे हैं सच्चाई
यह आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में किस तरह से महिलाओं को रोजाना अपराध का शिकार बनाया जाता है. पुलिस भले ही महिला सुरक्षा के कड़े दावे करती है, लेकिन यह आंकड़े अपने आप सच्चाई बयां कर रहे हैं.
इन इलाकों में बढ़े मामले
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में दुष्कर्म के मामले रोहिणी, शाहदरा, उत्तर पूर्वी, दक्षिण और बाहरी जिला में वर्ष 2018 के मुकाबले बढ़े हैं. इनमें से सबसे ज्यादा लगभग 30 फीसदी दुष्कर्म के मामले दक्षिण जिला में बढ़े हैं. छेड़छाड़ की बात की जाए तो दक्षिण दिल्ली, द्वारका एवं पश्चिम जिला में छेड़छाड़ की घटनाओं में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. छेड़छाड़ की सबसे ज्यादा घटनाएं भी दक्षिण जिला में ही बढ़ी हैं.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक महिला अपराध को लेकर किए गए सर्वे
दिल्ली पुलिस का दावा है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर वह समय-समय पर सर्वे करते हैं. उन इलाकों को चिन्हित किया जाता है, जहां महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं. ऐसी जगहों पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ ही वहां आने वाली समस्याओं को भी दूर किया जाता है.
ऐसी जगहों पर सड़क से लेकर लाइट की उचित व्यवस्था करवाने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाता है. इसके साथ ही दिल्ली की छात्राओं को प्रशिक्षण देकर पुलिस मजबूत बनाती है ताकि वह खुद भी मनचलों को सबक सिखा सकें.