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हाथरस: बढ़ती रेप की घटनाओं पर गुस्से में महिलाए, बोली कोई महिला नहीं सुरक्षित

देश में बढ़ती रेप की घटनाओं के खिलाफ महिलाएं गुस्से में हैं. खासकर हाथरस को लेकर महिलाएं खासा गुस्से में हैं. सभी का मानना है कि देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर सख्त कानून बनना चाहिए.

women angry over hathras rape case also appeal central government to make strict law
देश में बढ़ती रेप की घटनाओं के खिलाफ गुस्से में महिलाएं

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Published : Oct 6, 2020, 7:21 AM IST

नई दिल्ली: हाथरस में महिला के साथ हुई बर्बरता को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. महिलाएं बढ़-चढ़कर इस मामले में जल्द से जल्द आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की मांग कर रही हैं. और आवाज उठा रही हैं कि देश में महिलाओं के प्रति होते अपराध के लिए सरकार को सख्ती से सोचना चाहिए और एक ऐसा कानून बनाना चाहिए. जिसमें कि ऐसे मामलों में तुरंत सजा हो, जिससे आरोपियों के मन में डर पैदा हो और ऐसे मामलों पर लगाम लगे. ईटीवी भारत ने राजधानी में अलग-अलग महिलाओं से इस मुद्दे को लेकर बात की.

देश में बढ़ती रेप की घटनाओं के खिलाफ गुस्से में महिलाएं
अपराधियों में नहीं है कानून का कोई डर

रोजाना काम पर जाने वाली महिला ज्योति भोला ने कहा हमारे देश में रेप जैसी घटनाएं इसीलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि जो इन घटनाओं को अंजाम देते हैं, उनके मन में कानून का या उन्हें सजा मिलेगी, इसका कोई डर नहीं है. और यदि वह पकड़े भी जाते हैं तो उन्हें पता है कि हमारे देश का कानून बहुत लचीला है, और शायद ही वह उस सजा तक पहुंचेंगे या फिर इतने सालों तक कानूनी कार्रवाई के बीच वो कुछ न कुछ जुगाड़ लगाकर छूट भी जाएंगे.

घर में सिखाएं महिलाओं की इज्जत करना

महिला ने कहा कि देश में एक ऐसा नियम बनने की जरूरत है, कि यदि ऐसे अपराध है तो 1 या 2 महीने के भीतर आरोपी को सजा मिले. इसके साथ ही हम अपने घर से शुरुआत करें और अपने घर में बच्चों को यह सिखाएं, कि महिलाओं की इज्जत कैसे करनी है? और हर बार अपनी बेटियों से सवाल पूछने की जगह अपने बेटों भाइयों और पिता से सवाल पूछे जाएं.


महिलाओं की सुरक्षा से ही देश बढ़ेगा आगे

अन्य महिला सुमित्रा देवी ने कहा कि हम कहते हैं कि लड़कियां घर से बाहर ना निकले, देर होने पर घर पर ही रहे, लेकिन आज जहां हम महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात करते हैं ऐसे में वह घर पर तो बैठ नहीं सकती. महिलाएं नौकरी करती हैं, देश तक चलाती हैं, अलग-अलग सेक्टर में हम महिलाओं को बड़ी बड़ी भूमिका निभाते हुए देखते हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा होना बेहद आवश्यक है हम तभी आगे बढ़ पाएंगे. उन्होंने कहा कि जैसे दूसरे कई देशों में महिलाओं के प्रति होते अपराधों को लेकर सख्त कानून है वैसे ही अपने देश में भी बनने चाहिए.

बच्चों को घर से बाहर भेजने पर लगता है डर क्या

अन्य महिला मधु ने कहा कि आज कोई भी महिला या बच्ची घर से निकलते समय अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती. उन्होंने कहा कि वह एक मां है और उनकी दो बेटियां हैं, उन्हें डर लगता है जब उनकी बेटियां घर से बाहर जाती हैं. और तब तक चिंता रहती है जब तक कि वह सही समय पर सलामत घर लौट नहीं आती. महिलाओं ने कहा कि इस विषय पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है, कि आखिरकार क्यों महिलाओं के प्रति ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं? कानून में बदलाव के साथ साथ समाज में लोगों की सोच में भी बदलाव होना चाहिए.

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